पुलिस ने ऐसा पीटा कि 45 दिन से उठ नहीं पा नहीं पा रहा युवक, कोर्ट में लगाई अर्जी तो SP को मिला ये आदेश

पुलिस ने एक युवक को इतना पीटा कि युवक 45 दिन से अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पा रहा है. मामला राजस्थान के सीकर जिले का है. पीड़ित ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसके बाद अब कोर्ट ने एसपी को मामले के जांच के निर्देश दिए.

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सीकर में पुलिस की बर्बरता का शिकार हुआ युवक.

Rajasthan Police Crime News: राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर पुलिस-प्रशासन विशेष चौकसी बरत रही है. इस मु्स्तैदी का आलम है कि प्रदेश भर से शातिर बदमाश और तस्करों की गिरफ्तारी हो रही है. जगह-जगह से बेनामी कैश और अन्य मादक पदार्थों की बरामदगी हो रही है. लेकिन चुनावी मौसम में राजस्थान पुलिस की बबर्रता की एक कहानी सामने आई है. पुलिस ने एक युवक के साथ इस कदर बर्बरता की वो बीते 45 दिनों से अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पा रहा है. मामला राजस्थान के सीकर जिले का है. जहां की जीणमाता थाना पुलिस ने एक युवक को 29 अगस्त को शांतिभंग में गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने इस युवक की जमकर पिटाई की.

अब युवक 45 दिनों से अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पा रहा है. परिजन उसका इलाज जयपुर में करवा रहे हैं. मामले में पीड़ित के परिजनों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. जिसके बाद कोर्ट ने सीकर एसपी को तीन दिन में युवक का मेडिकल बोर्ड से जांच कर पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है. 

ढाई घंटे पर लोहे के ढांचे पर बांधकर की थी पिटाई
पुलिस की बर्बरता के शिकार हुए युवक की पहचान विष्णु कुमार गुर्जर पुत्र बंशीधर गुर्जर निवासी लढाणा, तहसील- दातारामगढ़ के रूप में हुई. विष्णु ने जीणमाता थाना अधिकारी रिया चौधरी, एसआई छगनलाल व कांस्टेबल महेंद्र कुमार, सुरेंद्र कुमार पर मारपीट करने का आरोप लगाया है. उसने कहा कि पुलिसकर्मियों ने उसको करीब ढाई घंटे तक लोहे के कुर्सीनुमा ढांचे से बांधकर ढाई घंटे तक इतना मारा कि उसकी पैरों की नसें जाम हो गई है. वह डेढ़ माह बाद भी ठीक से चल नहीं पा रहा है. 

सीकर में पुलिस की बर्बरता का शिकार हुआ युवक.

बीएसएफ का फिजिकल टेस्ट पास कर चुका था युवक 
विष्णु का इलाज एसएमएस हॉस्पिटल, जयपुर में इलाज चल रहा है. पीड़ित की ओर से कोर्ट में परिवाद पेश करने पर अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम संख्या तीन हिमांशु कुमावत ने एसपी को आदेश दिए हैं कि वह तीन दिन में परिवादी युवक का सक्षम चिकित्सक बोर्ड से मेडिकल करवाए और मामले की जांच पूरी करें. ज्ञात रहे कि पीड़ित बीएसएफ का फिजिकल एग्जाम पास कर चुका है, लिखित व मेडिकल शेष है, ऐसे में उसकी नौकरी पर बन आई है.

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थानाधिकारी बोली- युवक के आरोप झूठे
वहीं मामले में जीणमाता थानाधिकारी रिया चौधरी का कहना है कि आरोपी युवक विष्णु गुर्जर ने एक युवती को भगाने में आरोपी की मदद की थी, उसने उन्हें सीम, होटल में कमरा आदि उपलब्ध करवाया था. उसकी निशानेदेही पर ही युवती को भगाकर ले जाने वाले आरोपी युवक को पकड़ा था. युवक मारपीट करने के झूठे आरोप लगा रहा है.

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यदि ऐसा ही होता तो हम युवती को भगाने वाले मामले में एफआईआर दर्ज करते और युवती को भगाने वाले आरोपी उमेश व सह आरोपी विष्णु दोनों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश करते. लेकिन उस समय लड़का समझ कर हमने उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की थी, सिर्फ शांतिभंग में ही गिरफ्तार किया था.

एसपी बोले- मामले की जांच जारी, गलती मिलने पर होगी कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख ने मामले में जानकारी देते हुए कहा कि किसी युवक ने जीणमाता थाना पुलिस पर शांति मांग मामले में मारपीट करने के आरोप लगाए हैं. मामले में लंबे अंतराल के बाद न्यायालय की ओर से अगर हमें कोई रिपोर्ट भिजवाई गई है यदि इस सम्बंध में कोर्ट की ओर से जांच के आदेश आये है तो गंभीरता से जांच कर आदेशों की पालन की जाएगी. मामले में अगर किसी पुलिसकर्मी की गलती पाई जाती है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.

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