SC-ST Reservation Quota: SC-ST आरक्षण कोटे में उप वर्गीकरण से जुड़े फैसले पर अनुसूचित जाति और जनजाति के लोग आपस में बंटे हुए नजर आ रहे हैं. सोमवार को जयपुर में अनूसूचित जाति जनजाति समाज से जुड़े एक तबके ने प्रेस कांफ्रेंस की. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. आरक्षण से वंचित एससी-एसटी समाज संघर्ष मोर्चा के बैनर तले कई जातियों के लोग प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे. मोर्चा के संयोजक राकेश बिदावत ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति का एक बड़ा तबका आरक्षण के लाभ से वंचित है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया समर्थन
राकेश बिदावत ने कहा कि 50 से अधिक ऐसी जातियां है, जिन्हें आरक्षण का कोई लाभ नहीं मिला है. समाज का कुछ वर्ग ही आरक्षण का पूरा लाभ उठा रहा है. यही लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ हैं. लेकिन हम साफ करना चाहते हैं कि हम इस फैसले के समर्थन में हैं. जो इसका विरोध करेगा, हम उसका विरोध करेंगे. सांसी, कंजर, भांड, नट, बावरी जैसी दर्जनों जातियां ऐसी हैं जो हाशिए के समाज में भी हाशिए पर हैं. इसलिए यह फैसला मील का पत्थर साबित होगा.
11 अगस्त को दिवाली मनाएगा मोर्चा
मोर्चा से जुड़े रामधन सांसी ने बताया कि 9 और 10 अगस्त को पूरे प्रदेश में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर फैसले का स्वागत किया जाएगा और 11 अगस्त को पूरे राजस्थान में दीपोत्सव कार्यक्रम मनाया जाएगा. जयपुर में स्टैच्यू सर्किल पर दीप जला कर फैसले का स्वागत किया जाएगा.
फैसले के विरोध में हैं आदिवासी पार्टी
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर भारत आदिवासी पार्टी के सांसद राजकुमार रोत ने ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा था "हम मानते है कि ST/SC वर्ग में दूरस्त क्षेत्र में विशेष के लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिला है, इस स्थिति में क्षेत्र के हिसाब से बटवारे के लिए सहमत है. लेकिन जाति/समूह को सब केटेगरी में बांटने की नीति से मैं असहमत हूं."
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