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J&K में तैनात जवान की डेंगू से मौत, शहीद का दर्जा दिलाने के लिए शव वाहन के आगे धरने पर बैठे लोग

गुरुवार को 25 साल की उम्र में इलाज के दौरान बाड़मेर निवासी डाऊलाल प्रजापत की मौत हो गई. मृतक की 1 वर्ष पूर्व शादी हुई थी और 6 माह पहले वो 20 दिनों की छुट्टी पर घर आया था. मृतक के कोई संतान नहीं हैं. अब परिजन उसे शहीद का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं.

J&K में तैनात जवान की डेंगू से मौत, शहीद का दर्जा दिलाने के लिए शव वाहन के आगे धरने पर बैठे लोग
बाड़मेर में शव वाहन को लोगों ने घेरा.

Rajasthan News: जम्मू-कश्मीर में ट्रेनिंग के दौरान बीमार हुए सेना के जवान की इलाज के दौरान मौत हो गई. आज उनके पार्थिक शरीर को बाड़मेर लाया गया. जालिपा मिलिट्री स्टेशन से सेना के वाहन में शव को शहीद सर्किल ले जाया गया, जहां से श्रद्धांजलि कार्यकम के बाद पार्थिक शरीर को पैतृक गांव के लिए रवाना किया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग जवान को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्रित हुए. लोगों ने शव वाहन के आगे और पीछे वाहनों से रैली निकाली और फूलों की बारिश कर शहीद को श्रद्धांजलि दी.

शहीद के दर्ज की मांग लेकर धरने पर बैठे लोग

मृतक जवान डाऊलाल प्रजापत बाड़मेर जिले के चौहटन इलाके के धनाऊ मीठी नाडी का रहने वाला है. 24 सितंबर को तबीयत खराब होने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. यहीं पर इलाज के दौरान बीते गुरुवार को उसकी मौत हो गई. आज जब उसका पार्थिव शरीर बाड़मेर पहुंचा तो कुछ लोग मृतक को शहीद का दर्जा देने की मांग करने लगे और शव वाहन के आगे ही धरने पर बैठ गए. काफी देर तक यह विरोध प्रदर्शन चला, जिसके बाद स्थानीय सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल और चौहटन विधायक आदुराम मेघवाल ने पीड़ित परिवार को समझाया और उनकी मांगों को लेकर उच्च स्तर पर बातचीत का आश्वासन दिया. इसके बाद विरोध समाप्त हुआ और जवान का शव पैतृक गांव के लिए रवाना हुआ. लेकिन जैसे ही शव मृतक के गांव धनाऊ पहुंचा तो बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों शहीद का दर्जा देने की मांग लेकर फिर धरने पर बैठ गए और अंतिम संस्कार नहीं करने पर अड़े रहे.

कंट्री क्रॉस रेस में जीता गोल्ड मेडल, डेंगू से मौत

डाऊलाल प्रजापत साल 2019 में सेना में भर्ती हुए था. वर्तमान में वे 130 वायु रक्षा रेजीमेंट में गनर के पद पर तैनात थे. उनकी पोस्टिंग इन दिनों चंडीगढ़ में थी. बीते दिनों 14 सितंबर को आयोजित हुई कंट्री क्रॉस रेस में डाऊलाल ने गोल्ड मेडल जीता था. उसके ठीक दस दिन बाद यानी 24 सितंबर को जम्मू कश्मीर में ट्रेनिंग के दौरान बीमार होने पर उधमपुर अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां डॉक्टर्स ने डेंगू की पुष्टि की थी. यहां स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर चंडीगढ़ लाया गया था, जहां डेंगू से पीड़ित डाऊलाल के फेफड़ों में इंफेक्शन हो गया, जिससे वे रिकवर नहीं हो पाए और गुरुवार दम तोड़ दिया.

5 भाइयों में सबसे छोटा था डाऊलाल

मृतक जवान डाऊलाल के पिता दीपाराम खेती बाड़ी का काम करते हैं. परिवार में मृतक जवान के 4 भाई हैं. डाऊलाल सबसे छोटा था. डाऊलाल 5 साल पूर्व 20 साल की उम्र में सेना में भर्ती हुए थे और गुरुवार को 25 साल की उम्र में उनकी मौत हो गई. मृतक की 1 वर्ष पूर्व शादी हुई थी और 6 माह पूर्व 20 दिनों की छुट्टी पर घर आया था. मृतक के कोई संतान नहीं हैं.

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