लुधियाना में हुए आतंकी एनकाउंटर के बाद अब इसका सीधा कनेक्शन श्रीगंगानगर जिले से जुड़ता नजर आ रहा है. जिले के ताखरावाली गांव के रहने वाले रामलाल और दीपक कुमार उर्फ दीपू को लुधियाना पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान घायल अवस्था में पकड़ा. दोनों को गिरफ्त में लेकर पूछताछ की जा रही है.
दो दिन तक फोन बंद रहा
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस रामलाल के घर पहुंची और परिवारजनों से बातचीत की. परिजनों ने दावा किया कि दीपू पिछले कई दिनों से उनके घर पर रुका हुआ था और उसने ही रामलाल को अपने साथ पंजाब ले जाने के लिए तैयार किया. परिवार का कहना है कि दो दिनों तक रामलाल का फोन बंद रहा, जिससे उन्हें किसी अनहोनी की आशंका होने लगी.
रामलाल और दीपक को अचानक पकड़ा
अमित ने परिजनों को बताया कि लुधियाना में होटल पर ठहरने के दौरान दो युवक वहां आए और उन्होंने रामलाल व दीपक को अचानक पकड़ लिया. स्थिति संदिग्ध लगने पर अमित गाड़ी लेकर वापस गांव लौट आया. इसके तुरंत बाद उन्हें मीडिया के जरिए एनकाउंटर की खबर मिली.
पिस्तौल, कारतूस और ग्रेनेड बरामद
लुधियाना पुलिस ने मुठभेड़ स्थल से पिस्तौल, कारतूस और ग्रेनेड बरामद किए हैं. शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि दोनों आरोपी पाकिस्तान में बैठे हैंडलर जसवीर के संपर्क में थे, जो उन्हें लगातार निर्देश दे रहा था. आशंका है कि आने वाले दिनों में किसी बड़ी वारदात की तैयारी की जा रही थी.
घर में माता की सेवा करता था
घर वालों ने बताया कि रामलाल ने अपने घर में ही एक छोटा मंदिर बनाया हुआ था और वहीं माता की सेवा करता था. वह आतंकी नहीं है. आस-पास के क्षेत्रों से कई लोग दर्शन करने भी आते थे. परिजनों का कहना है कि रामलाल कभी किसी संदिग्ध गतिविधि से नहीं जुड़ा रहा, और उन्हें पूरा विश्वास है कि दीपक ने उसका मानसिक रूप से दिमाग बदलकर उसे अपने साथ ले गया.
गांव में दहशत जैसा माहौल
घटना सामने आने के बाद गांव में सन्नाटा फैल गया है. ग्रामीणों का कहना है कि रामलाल को उन्होंने हमेशा शांत और धार्मिक प्रवृत्ति का व्यक्ति देखा, इसलिए उसके नाम का ऐसे मामले में आना चौंकाने वाला है.
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