Sriganganagar News: नगरपालिका ने भाजपा के पूर्व विधायक को अलॉट की करोड़ों की जमीन, कांग्रेस के विरोध के बाद भी प्रस्ताव पारित

Sriganganagar News: हाई-वे किनारे स्थित करोड़ों की जमीन भाजपा के पूर्व विधायक राम प्रताप कासनिया को अलॉट किए जाने से श्रीगंगानगर जिले की सूरतगढ़ नगरपालिका में चर्चाओं का बाजार गरम है.

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नगरपालिका साधारण सभा की बैठक में विरोध जताते कांग्रेस सदस्य.

श्रीगंगानगर जिले की सूरतगढ़ नगरपालिका (Suratgarh Municipality) की साधारण सभा की बैठक बुधवार को हंगामे के बीच संपन्न हुई. बैठक में भाजपा के पूर्व विधायक राम प्रताप कासनिया (Ram Pratap Kasaniya) को एनएच-62 से सटी बेशकीमती जमीन अलॉट किए जाने का कांग्रेस के सदस्यों ने विरोध किया. लेकिन विरोध के बाद भी भाजपा विधायक को जमीन अलॉट करने का प्रस्ताव पारित हो गया. 

कांग्रेस के विरोध के बाद भी प्रस्ताव पारित

इस हंगामे की आशंका को देखते हुए बैठक को लेकर पालिका परिसर में पुलिस की सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त किया गया था. बैठक के दौरान विधायक डूंगरराम गेदर और कांग्रेस पार्षदों ने पूर्व विधायक को करोड़ों की बेशकीमती भूमि अलॉट करने पर नाराजगी जताई. लेकिन इसके बाद भी यह प्रस्ताव पारित हो गया. 

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करोड़ों की बेशकीमती जमीन का मामला

विधायक डूंगरराम गेदर ने बताया कि एजेंडा संख्या- 7 के तहत सूरतगढ़ की बेशकीमती जमीन को पूर्व विधायक को अलॉट किया जा रहा है. अगर ऐसा होता है, तो कांग्रेस इसका कड़ा विरोध करेगी. यह मामला कई दिनों से शहर की राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. 

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रामप्रताप कासनिया और उनके परिवार को अलॉट हुई जमीन

इस एजेंडे के अनुसार, भाजपा के पूर्व विधायक राम प्रताप कासनिया और उनके परिवार को NH-62 से सटी करोड़ों की बेशकीमती भूमि, वर्ष 1997 में किए गए आवेदन के आधार पर, अलॉट की जानी थी. कासनिया परिवार ने पहले विवेकानंद पब्लिक स्कूल, जो जाखड़ावाली में स्थित है, के बदले सूरतगढ़ में भूमि मांगी थी. 

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बैठक में विरोध जताते सदस्य.

हालांकि, स्कूल अभी भी जाखड़ावाली में सुचारू रूप से संचालित हो रहा है, फिर भी परिवार सूरतगढ़ में जमीन की मांग कर रहा है. पहले भी यह प्रस्ताव कई बार नगरपालिका बैठकों में आ चुका है लेकिन हर बार खारिज कर दिया गया.

कांग्रेस का विरोध और वोटिंग

कांग्रेस ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए दो दिन पहले प्रेस वार्ता का आयोजन किया था. पार्टी ने अपने पार्षदों को व्हिप जारी कर वोटिंग के दौरान विरोध करने के निर्देश दिए थे. इसके बावजूद, बैठक में उपस्थित 27 पार्षदों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट देकर इसे पास कर दिया. हंगामे के बीच विधायक डूंगरराम गेदर ने वॉकआउट कर दिया. विधायक ने कहा की पार्टी के खिलाफ जाने वाले पार्षदों की रिपोर्ट बनाकर प्रदेश कांग्रेस को भेजी जाएगी. 

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