Rajasthan: राजस्थान में 58 हजार से ज्यादा पकड़े गए डॉग्स और 52 हजार की नसबंदी, सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने पेश किया ब्यौरा

Stray dog case: मामले की सुनवाई के दौरान राज्य के मुख्य सचिव की व्यक्तिगत उपस्थिति दर्ज की गई. इसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई तक मामला स्थगित कर दिया.

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Supreme Court to hear stray dog ​​case: सुप्रीम कोर्ट में आवारा कुत्तों के मामले में चल रहे स्वतः संज्ञान मामले “City Hounded by Strays, Kids Pay Price” की सुनवाई हुई. इस दौरान राजस्थान सरकार ने अपनी अनुपालन रिपोर्ट (Compliance Affidavit) पेश की गई. सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव सर्वोच्च न्यायालय में पेश हुए ताकि Animal Birth Control (ABC) Rules, 2023 के देशव्यापी और समान रूप से क्रियान्वयन पर रिपोर्ट दी जा सके. राजस्थान की ओर से पेश अनुपालन रिपोर्ट उप आयुक्त (नगर निगम ग्रेटर जयपुर) मुकुट सिंह ने दाखिल की, जिसे अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा द्वारा तैयार किया गया. राज्य का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता सोनाली गौर के साथ शिव मंगल शर्मा ने किया.

सरकार ने पेश किए ये आंकड़ें

रिपोर्ट में बताया गया कि 11 अगस्त 2025 के बाद से राज्य के 312 शहरी स्थानीय निकायों में बड़े पैमाने पर नसबंदी, टीकाकरण और कृमिनाशक अभियान चलाए गए. इसी साल स्थानीय स्वशासन विभाग ने 27 अगस्त को परिपत्र जारी कर सभी नगर निकायों को खुराक स्थलों की पहचान, नसबंदी केंद्रों की स्थापना, प्रशिक्षित टीमों की तैनाती और शेल्टर होम्स में CCTV लगाने के निर्देश दिए.

  • पकड़े और छोड़े गए कुत्ते: 58,210
  • नसबंदी किए गए: 52,230
  • टीकाकरण किए गए: 5,980
  • कृमिनाशक उपचार: 1,830

शेल्टर हाउस और नसबंदी केंद्र की दी जानकारी

सरकार की ओर से बताया गया कि जोधपुर में 850 कुत्तों की क्षमता वाला शेल्टर हाउस स्थापित किया गया, जबकि जयपुर में नसबंदी केंद्र और CCTV-सुसज्जित आश्रय गृह शुरू किए गए. उदयपुर नगर निगम ने Animal Aid Charitable Trust के साथ समझौता कर GIS आधारित नसबंदी कार्यक्रम लागू किया है, जिसके तहत 15,000 से अधिक कुत्तों की नसबंदी हो चुकी है.

साथ ही शिकायतों के लिए हेल्पलाइन नंबर 8764879770 भी जारी किया गया है. परिवहन विभाग ने आवारा पशु नियंत्रण को अपनी 10-वर्षीय सड़क सुरक्षा कार्ययोजना में शामिल किया है और ग्रामीण विकास विभाग ने सड़कों से मवेशी हटाने के निर्देश दिए हैं.

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एनजीओ की मदद से तय किए गए फीडिंग जोन

सरकार RWAs और NGOs के सहयोग से नामित फीडिंग ज़ोन तय कर रही है, ताकि जनसुविधा और पशु कल्याण के बीच संतुलन बना रहे. अदालत ने कहा कि सभी राज्यों की रिपोर्टों का विश्लेषण कर जल्द ही देशव्यापी दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे. ताकि Animal Birth Control Rules, 2023 का एकरूप और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके.

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