Rajasthan: पूर्व विधायकों के मामले पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, राजस्थान सरकार से दो हफ्ते में मांगा जवाब

Rajasthan News: सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व विधायकों के खिलाफ दर्ज मामलों को लेकर राजस्थान सरकार से दो हफ्ते में जवाब देने को कहा है.

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Supreme Court of India

Supreme Court: राजस्थान सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व विधायकों के ऊपर रहे मुकदमों  को लेकर जवाब मांगा है. जिसमें कोर्ट ने राज्य सरकार को यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया है कि क्या वह पूर्व विधायकों - पुखराज गर्ग और इंदिरा बावरी - के खिलाफ दर्ज हत्या के मामले को वापस लेने के अपने फैसले पर अब भी कायम है. जस्टिस जे.के. माहेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की बेंच ने सरकार को इस संबंध में अंतिम निर्णय लेने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है. यह मामला राजस्थान के नागौर जिले में 2019 में हुई एक हिंसक झड़प से जुड़ा है, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.

मामला 2019 में अतिक्रमण हटाने से है जुड़ा

यह मामला 25 अगस्त 2019 का है, जब राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई चल रही थी. आरोप है कि स्थानीय नेताओं के उकसाने पर भीड़ ने पुलिस और प्रशासन की टीम पर हमला कर दिया. इस हमले में जेसीबी चालक फारूक खान गंभीर रूप से घायल हो गया और बाद में उसकी मौत हो गई. इस घटना के बाद कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें तत्कालीन भोपालगढ़ विधायक पुखराज गर्ग और मेड़ता विधायक इंदिरा बावरी भी शामिल थे. इन पर दंगा, आपराधिक षड्यंत्र और हत्या जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे.

 2021 में राज्य स्तरीय समिति ने केस वापस लेने की सिफारिश की थी

17 फरवरी 2021 को, राज्य स्तरीय समिति ने दोनों विधायकों के खिलाफ अभियोजन वापस लेने की सिफारिश की. इसके बाद, 20 फरवरी 2021 को राजस्थान सरकार ने अभियोजन अधिकारी को दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 321 के तहत आवेदन दायर करने का आदेश दिया. 26 फरवरी 2021 को यह आवेदन मजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत किया गया. हालांकि, 3 जून 2021 को राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक आरोपी देवाराम की जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान इस वापसी आदेश को रद्द कर दिया। इसके बाद राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसने 11 अप्रैल 2022 को उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी.

सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

आज की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने राजस्थान सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा से सीधे तौर पर पूछा कि क्या सरकार अपने इस निर्णय पर अब भी अडिग है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को इस पर स्पष्ट निर्देश लेने के लिए दो सप्ताह का समय दिया। यह मामला अब दो सप्ताह बाद फिर से सूचीबद्ध किया जाएगा। उस समय सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि 2021 में दोनों पूर्व विधायकों के खिलाफ अभियोजन वापस लेने का फैसला उचित था या नहीं.

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