Sweepers Protest Bhilwara: राजस्थान में सफाईकर्मियों की भर्ती को लेकर जारी विरोध-प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रदेश के अलग-अलग जिलों से सफाईकर्मियों के प्रदर्शन की खबरें सामने आ रही है. इसी कड़ी में मंगलवार को भीलवाड़ा में आक्रोशित सफाईकर्मियों ने नगर निगम ऑफिस को ही डंपिंग यार्ड बना दिया. दरअसल सफाईकर्मी भर्ती मामले में पहले अनुभव प्रमाणपत्र देने में देरी और बाद में अब पोर्टल पर आ रही समस्याओं से लोगों की नाराजगी बढ़ती जा रही है.
भर्ती प्रक्रिया के नियमों में खामियों को लेकर आक्रोश
बताया गया कि भीलवाड़ा नगर निगम क्षेत्र में स्वच्छता को लेकर सफाई कर्मियों की भर्ती की जा रही है. जहां राजस्थान के अन्य निकायों की तुलना में यहा भर्ती प्रक्रिया के नियमों में कुछ खामियां सामने आई है, जिसको लेकर आज सफाई कर्मियों ने आंदोलन उग्र कर दिया.
आक्रोशित लोगों ने नगर निगम परिसर में ही शहर का कचरा लाकर डाल दिया. नगर निगम महापौर ने भी सफाई कर्मियों का पक्ष लेते हुए कहा कि मै जल्द इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री से वार्ता कर नियमों में संशोधन करवाएंगे.
सफाई मजदूर बोले- हम पेट के लिए लड़ रहे हैं
दूसरी ओर नगर निगम में आंदोलन कर रहे सफाईकर्मियों के नेता सफाई मजदूर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रामदेव ने कहा कि आज से हमारा आंदोलन उग्र हुआ है. हम पेट के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. आज से नगर निगम कोई भी काम नहीं होगा. इसके लिए हमने निगम के स्टाफ को भी कमरों से बाहर निकालते हुए कचरा नगर परिषद में भी डाला है.
बाल्मिकी समाज चुप नहीं बैठेगाः रामदेव
सफाई मजदूरों के नेता ने आगे कहा कि शहर के चौराहे पर भी कचरा नहीं उठाने दिया है. हमारी मांग है कि हमें अनुभव तो दे दिया लेकिन वह पोर्टल पर अपलोड नहीं हो रहा है. सफाई कर्मियों ने सरकार पर कुठाराघात का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी की बाल्मीकि समाज हाथ पर हाथ धर कर बैठा नहीं रहेगा. हम हमारे पेट की लड़ाई लड़ने को तैयार है.
महापौर बोले- नौकरशाहों की गलती से हुई गड़बड़ी
इधर निगम के महापौर राकेश पाठक ने कहा कि हमारे संवेदनशील मुख्यमंत्री ने पहले साल में एक लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा था. उसमें 30 हजार बाल्मीकि समाज के सफाई कर्मियों को प्राथमिकता दी थी. जहां प्रदेश में कुछ नौकरशाह के द्वारा गलत तरीके से मुख्यमंत्री को अवगत करवाने के कारण सफाई भर्ती के नियमों में कुछ प्रकार की कमी रह गई.
मेयर बोले- बाल्मिकी समाज को प्राथमिकता देते हुए भर्ती की मांग करेंगे
मेयर ने आगे कहा कि एक तरफ नियमों में पीएफ, बैंक स्टेटमेंट जरूरी होना बताया गया. दूसरी ओर उदयपुर में स्वयं विवेक से ठेकेदार के अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर भर्ती की जा रही है. उदयपुर से हमारे यहां अलग नियम बनाए हैं इसलिए यहां सफाई कर्मियों के साथ अन्याय हुआ है. इसके लिए मैंने प्रशासन से बात की है. जल्द मुख्यमंत्री से भी बात की जाएगी. हमारी कोशिश है कि सफाई कर्मियों में बाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देते हुए भर्ती को पूरी की जाए .
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