Rajasthan News: राजस्थान के नगरीय विकास राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने शुक्रवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि राज्य सरकार द्वारा सरकारी भूमि पर अवैध रूप से कॉलोनी काटने की शिकायत की जांच कर सम्बंधित कॉलोनाइजर के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी. खर्रा प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों पर जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि बहुत सी कॉलोनियों में विकास शुल्क जमा होने के बाद भी सड़क एवं सेक्टर रोड़ के मार्ग निर्धारित नहीं होने के कारण विकास नहीं हो सका तथा सड़क एवं सेक्टर रोड़ के मार्ग नियमित नहीं हो पाए.
टाउनशिप पॉलिसी-2010 में संशोधन
उन्होंने कहा कि इन समस्याओं के समाधान के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा टाउनशिप पॉलिसी-2010 में संशोधन की प्रक्रिया शुरू की गई है. जिसके तहत पॉलिसी में संशोधन के लिए आमजन एवं जनप्रतिनिधियों से 20 अगस्त, 2024 तक सुझाव भी आमंत्रित किये गए गए हैं. उन्होंने बताया कि नीति के संबंध में विस्तृत जानकारी विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि समस्त सुझावों पर विचार कर नई संशोधित पॉलिसी जारी की जाएगी.
इससे पहले विधायक कैलाश चंद वर्मा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में नगरीय विकास राज्य मंत्री ने सदन को अवगत कराया कि नवीन कॉलोनियां विकसित करने के लिए तकनीकी प्रावधान "राजस्थान टाउनशिप पालिसी-2010" के द्वारा निर्धारित है. उन्होंने बताया कि टाउनशिप पॉलिसी-2010 के प्रावधानों के अनुरूप मूलभूत सुविधा की सुनिश्चितता उपरान्त ही नगरीय निकाय में प्राप्त होने वाली योजनाओं को अनुमोदित किया जाता है.
उन्होंने जानकारी दी कि वर्तमान टाउनशिप पॉलिसी-2010 के अनुसार योजना में आन्तरिक विकास कार्यो जैसे सड़क, सीवरेज एवं पानी आदि की सुनिश्चितता हेतु पॉलिसी में 12.5 प्रतिशत भूखण्ड रहन रखे जाने का प्रावधान है. आन्तरिक विकास कार्यो की सुनिश्चितता उपरान्त ही इन भूखण्डों को रहन मुक्त किये जाते है, जिसकी प्रति उन्होंने सदन के पटल पर रखी.
उन्होंने बताया कि राज्य के नगरीय क्षेत्रों में कॉलोनाइजर द्वारा बिना मूलभूत सुविधाओं के काटी जा रही अवैध कॉलोनियो के संबंध में नगरीय निकाय में शिकायत प्राप्त होने पर उचित कार्यवाही की जाती है. खर्रा ने बताया कि टाउनशिप पॉलिसी-2010 में संशोधन हेतु सुझाव आमंत्रित किये गये हैं. प्रारूप पॉलिसी वर्तमान में पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है. समस्त सुझावों पर विचार कर नई संशोधित पॉलिसी जारी की जाएगी.
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