Ram Mandir Pran Pratishta: राम जन्मभूमि आंदोलन से लेकर भव्य रामलला मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा तक जोधपुर का अकल्पनीय योगदान रहा है. जोधपुर के विश्व हिंदू परिषद कार्यालय में राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बैठकें आयोजित की गई थी. अयोध्या में भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में अब कुछ दिन शेष बचे है तो पूरे देश से राममंदिर आंदोलन की कहानियां सामने आ रही है. इसी कड़ी में राजस्थान की सांस्कृतिक राजधानी कही जाने वाले जोधपुर की कहानी सामने आई है. जोधपुर का योगदान राम जन्मभूमि आंदोलन की रूपरेखा से शुरू होकर वर्तमान में हो रही प्राण प्रतिष्ठा तक अकल्पनीय रहा है.
जोधपुर के विश्व हिंदू परिषद कार्यालय में भी राम जन्मभूमि आंदोलन को लेकर कहीं महत्वपूर्ण बैठकें आयोजित की जा चुकी है. यहां विश्व हिंदू परिषद में प्रवीण तोगड़िया से लेकर प्रमोद सिंघल और कई धर्म प्रेमियों ने जोधपुर में धर्म सभा से पूर्व आवश्यक बैठके व आंदोलन की रणनीति को लेकर चर्चाएं कर चुके हैं.
विश्व हिंदू परिषद के जोधपुर प्रांत के पदाधिकारी पंडित राजेश दवे ने बताया कि भगवान राम और जोधपुर का एक विशेष नाता रहा है. जब हिंदू समाज यह बड़ा आंदोलन कर रहा था. तब संघ की यहां बड़ी बैठक आयोजित हुई थी. उस समय सभी संतो और महंतों ने संघ से निवेदन किया कि संघ इस आंदोलन को अपने हाथों में ले और उसे समय संघ ने भी यह कहा विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में यह आंदोलन प्रारंभ होगा और यही से इस आंदोलन की शुरुआत हुई है.
कारसेवक रहे जोधपुर के कानराज मोहनोत ने एनडीटीवी से बात करते हुए बताया की सबसे पहले वर्ष 1988 में हमने जोधपुर में एक ईंट व एक पत्थर को एकत्रित करने की शुरुआत की थी. इन सभी ईंट को हमने जोधपुर के गीता भवन में रखवाया था.
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