'इधर वाले कैमरे भी हमारे ऊपर हैं, उधर वाले भी हमारे ऊपर हैं' टीकाराम जूली ने की आपत्ति तो व्हिप बोले- 'बाथरूम नहीं है'

टीकाराम जूली के आरोपों का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि उन्हें कैमरों की जानकारी नहीं है.

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टीकाराम जूली और जोगेश्वर गर्ग

राजस्थान विधानसभा में मंगलवार, 9 सितंबर को सदन की कार्यवाही के दौरान कैमरे लगाए जाने के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तकरार देखने को मिली. सदन में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली लने आरोप लगाया कि विपक्ष के विधायकों पर नज़र रखने के लिए जान-बूझकर कैमरे लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि इसकी कोई ज़रूरत नहीं थी, क्योंकि कार्यवाही का सीधा प्रसारण पहले से ही हो रहा है. टीकाराम जूली ने इसे निजता के हनन का मामला बताया.

टीकाराम जूली ने सदन में कहा,"हमारे ऊपर कैमरे लगाए गए हैं. पूरी विधानसभा में पहले से कैमरे लगे हुए हैं. लेकिन सिर्फ विपक्ष को टारगेट कर कैमरा लगाना और उनका निजी उपयोग करना ग़लत है.इधर वाले कैमरे भी हमारे ऊपर हैं, और उधर वाले कैमरे भी हमारे ऊपर हैं."

टीकाराम के सवाल और सरकार का जवाब

टीकाराम ने सवाल पूछा कि ये कैमरे किसकी अनुमति से लगे हैं? उन्होंने ये भी पूछा कि इन कैमरों को किस फंड से लगाया गया है? जूली ने कहा कि अब अगर ये कैमरे लगे हैं तो इनकी रिकॉर्डिंग को भी यूट्यूब पर जारी किया जाना चाहिए.

जूली ने कहा,"हमारी हर गतिविधि पर आप नज़र रखेंगे, जब सदन नहीं चल रहा तो भी हम क्या बात करते हैं, किससे मिलते हैं, आप हर बात पर नजर रखेंगे, ये तो ग़लत बात है."

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टीकाराम जूली के आरोपों का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि उन्हें कैमरों की जानकारी नहीं है लेकिन सरकार नहीं चाहती कि किसी के अधिकारों का हनन हो. उन्होंने विपक्ष से अपील की कि विधानसभा की परंपराओं को निभाते हुए सार्थक बहस करें और सरकार को रचनात्मक सुझाव दें.

वहीं मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि सदन कोई बेडरूम या बाथरूम नहीं है कि कैमरे लगाने से निजता का हनन हो जाए. उन्होंने कहा,"ये किसी का चैंबर नहीं है, किसी का बाथरूम नहीं है, किसी का बेडरूम नहीं है. फिर ये निजता का उल्लंघन कैसे हुआ?"

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