राजस्थान में बजरी माफिया पर CBI का एक्शन, मेघराज सिंह रॉयल से जोड़कर देखा जा रहा मामला

Tonk News:टोंक जिले में नेशनल हाईवे 52 पर दूनी थाना क्षेत्र के धांधोली बजरी चेक पोस्ट पर अवैध बजरी खनन के खिलाफ सीबीआई ने कार्रवाई की है. इसमे बजरी किंग मेघराज सिंह रॉयल का नाम सामने आया है.

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Tonk News: टोंक जिले में नेशनल हाईवे 52 पर दूनी थाना क्षेत्र के धांधोली बजरी चेक पोस्ट पर अवैध बजरी खनन के खिलाफ सीबीआई ने कार्रवाई की है. सीबीआई ने यह कार्रवाई एमआरएस एसोसिएट ग्रुप की चेक पोस्ट पर की. यह मामला बजरी किंग मेघराज सिंह रॉयल से जुड़ा माना जा रहा है. इस कार्रवाई से पहले भी जिले की बनास नदी में बजरी खनन को लेकर कई बार नियमों की धज्जियां उड़ चुकी हैं. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में बजरी खनन पर रोक लगा दी थी.

कौन है  मेघराज सिंह रॉयल

इस बार फिर से अवैध बजरी खनन का मामला गरमा गया है जिसमें राजस्थान के सबसे बड़े होटल कारोबारी मेघराज सिंह रॉयल का नाम सामने आया है. वे सीकर के खंडेला के रहने वाले हैं. उनका ससुराल नागौर के चिंडालिया गांव में है. उन्होंने 1400 करोड़ रुपए के निवेश से एमआरएस ग्रुप ऑफ कंपनीज खड़ी की थी. जिसका आज प्रदेश के कोने-कोने में विस्तार हो चुका है. करोड़ों की संपत्ति के मालिक मेघराज सिंह के भाजपा और कांग्रेस दोनों से मधुर संबंध हैं. सोशल मीडिया पर मेघराज सिंह शेखावत मेघराज सिंह रॉयल के नाम से जाने जाते हैं, राजपूत समाज में उन्हें भामाशाह का भी नाम दिया जाता है. चार महीने पहले ईडी ने उनके ठिकानों पर छापेमारी की थी. जिसमें जयपुर समेत उनके अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर 35 लाख से ज्यादा की नकदी जब्त की गई थी.

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 2018 में  सुप्रीम कोर्ट ने बजरी  खनन पर लगाई थी रोक

बनास नदी में लगातार हो रहे कटाव को देखते हुए वहां के लोगों ने अवैध बजरी खनन को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 16 नवंबर 2017 को राजस्थान में बजरी खनन पर रोक लगा दी थी. इसके बाद 31 मार्च 2018 को बजरी खनन के लिए सभी एलओआई तय अवधि पूरी होने के बाद समाप्त कर दिए थे. इसके बाद 4 साल तक बजरी खनन पर रोक लगी रही. 11 नवंबर 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान में बजरी खनन पर लगी रोक हटा दी, लेकिन उसके बाद भी वैध बजरी खनन शुरू नहीं हो पाया है. ऐसे में बजरी नहीं मिलने से लोगों को अवैध तरीके से और बाहरी जिलों से दोगुने-तिगुने दामों पर बजरी परिवहन करनी पड़ रही है.

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