होली से पहले राजस्थान के भरतपुर जिले से एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है. यहां फैक्ट्री में काम के दौरान एक युवक की करंट की चपेट में आने से मौत हो गई. मृतक 6 बहनों का इकलौता भाई थी. एक साल पहले ही युवक की शादी हुई थी. इस घटना के बाद मृतक के परिजन में कोहराम मचा है. होली की खुशियां मातम में तब्दील हो गई है. मिली जानकारी के अनुसार भरतपुर जिले के उद्योग नगर थाना क्षेत्र स्थित टीटागढ़ सिमको बैगन फैक्ट्री में मजदूर की करंट लगने से मौत हो गई. मजदूर की मौत के बाद उसके परिजन और साथी मजदूरों ने फैक्ट्री के सामने विरोध-प्रदर्शन करते हुए मुहावजे की मांग की.
8 लाख रुपए मुआवजे पर बनी सहमति
विरोध-प्रदर्शन की सूचना पर मौके पर पहुंचे तहसीलदार द्वारा फैक्ट्री अधिकारी और मृतक के परिजन दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठाकर समझौता कराने का प्रयास किया गया. जिसमें काफी देर बाद दोनों पक्षों में सहमति बनी. फैक्ट्री के मालिक ने पीड़ित परिवार को 8 लाख रुपए मुआवजा देने की बात कही है. जिसके बाद दोनों पक्षों में सहमति बन गई. जिसके बाद आरबीएम अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद युवक का शव परिजनों को दे दिया गया.
एक साल पहले ही हुई थी युवक की शादी
जानकारी के मुताबिक मृतक 6 बहनों के बीच इकलौता भाई था. मां-बाप भी अधिक बुजुर्ग होने के चलते चलने में असमर्थ है. मृतक की 1 साल पहले ही शादी हुई थी और अभी कोई बच्चा भी नहीं है. परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है. मृतक के ताऊ के लड़के ने बताया कि मथुरा गेट पुलिस थाना क्षेत्र स्थित सूरजपोल निवासी योगेश पुत्र सरदार सिंह टीटागढ़ सिमको बैगन फैक्ट्री में मजदूरी का कार्य करता था.
फैक्ट्री में बिजली का तार हट गया था जिसे लगाने के लिए उसे क्रेन के सहयोग से पोल पर चढ़ाया गया. तार लगाने के दौरान उसे करंट लग गया. उसके बाद उसे साथी मजदूर आरबीएम अस्पताल लेकर पहुंचे जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
फैक्ट्री के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप
परिजनों को साथी मजदूरों द्वारा सूचना दी गई. शनिवार सुबह बड़ी संख्या में फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों और परिजनों द्वारा फैक्ट्री के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए फैक्ट्री के सामने ही विरोध प्रदर्शन करते हुए साथ ही एक करोड़ रुपए मुआवजा और एक स्थायी नौकरी की मांग कर रहे थे. बताया गया कि योगेश 6 बहनों के बीच इकलौता भाई था. वह सबसे छोटा था. बहनों की शादी हो चुकी है. माता-पिता की देखभाल के चलते तीन महीने पहले गुड़गांव की नौकरी छोड़ योगेश भरतपुर आ गया था.
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