Rajasthan News: राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से जंगली जानवर लगातार आबादी के इलाकों में देखे जा रहे हैं. दौसा और अलवर में कुछ दिन पहले एक बाघ ने आतंक मचा दिया, उसके बाद जरख ने एक व्यक्ति को घायल कर दिया. वहीं अब प्रदेश में उदयपुर जिले के आदिवासी अंचल गोगुंदा क्षेत्र के तिरपाल के जंगल में बुधवार को तेंदुए का शव मिलने से वहां पर लोगों में हलचल मच गई. आपको बता दे कि उदयपुर में पिछले साल तेंदुए के हमले से कई लोगों की भी जान चली गई थी.
जिसके बाद से लोग तेंदुए के देखने से डर जाते हैं. तेंदुए का शव दिखने के बाद ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम को सूचना दी. ग्रामीणों की सूचना के बाद देवला वन क्षेत्र के अधिकारियों की एक टीम मौके पर पहुंची और टीम के सदस्यों ने सबसे पहले तेंदुए के शव को अपने कब्जे में लिया.
पीट—पीटकर मारने की जताई आशंका
वहीं अधिकारियों की माने तो तेंदुए के सिर पर चोट के निशान है. इसके अलावा शव चार से पांच दिन पुराना है. वन विभाग के अधिकारियों ने शव को पोस्टमार्टम के लिए चिकित्सालय भिजवाया. प्रथम दृष्टया देखने पर तेंदुए को पीट—पीटकर मारने की आशंका जताई जा रही है. हांलाकि वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के बाद ही तेंदुए की मौत के कारणों का खुलासा हो पाएगा.
ग्रामीणों ने पहले भी की थी तेंदुए की हत्या
बता दे कि इससे पहले भी सायरा क्षेत्र में कुछ ग्रामीणों ने एक तेंदुए को आदमखौर मानते हुए पीट-पीटकर मार दिया था. जब से गोगुंदा क्षेत्र में तेंदुए के आदमखौर होने के बाद लागातार लोगों पर हमला कर मौत के घाट उतारा जा रहा था. उसके बाद लोगों में तेंदुए को लेकर दहशत घुस गई है. जिससे तेंदुए के आबादी क्षेत्र में दिखते ही उससे निजात पाने के लिए या तो उसे भगाने की कोशिश की जाती है. या फिर वन विभाग से वहां पर पिंजरा लगाने की मांग की जाती है.
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