Rajasthan News: झीलों की नगरी उदयपुर में बहुमंजिला इमारतों की सुरक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में है. न्यू आरटीओ ऑफिस के पास स्थित अमर विलास अपार्टमेंट में लिफ्ट की एक भयावह खराबी ने अपार्टमेंट में रहने वाली एक महिला की जान को दांव पर लगा दिया. महिला करीब दो घंटे तक लिफ्ट के संकरे शाफ्ट में फंसी रही. जब बचाव के सभी सामान्य तरीके नाकाम हो गए, तब रेस्क्यू टीम को ड्रिल मशीन का उपयोग करके दीवार तोड़नी पड़ी.
बटन दबाते ही रिवर्स चली गई लिफ्ट
यह हादसा उदयपुर में आरटीओ कार्यालय के सामने अमर विलास अपार्टमेंट में हुआ. अपार्टमेंट में 6 फ्लोर और 96 फ्लैट हैं और इसमें 4 लिफ्ट लगी हुई हैं. चौथे फ्लोर पर एक फ्लैट में रहने वाली महिला भाग्यश्री अपने बेटे के स्कूल का आई कार्ड देने के लिए लिफ्ट से नीचे जा रही थी. लेकिन महिला ने जैसे ही लिफ्ट का बटन दबाया, लिफ्ट नीचे जाने के बजाय उल्टी दिशा (रिवर्स) में तेजी से ऊपर की ओर भागने लगी.
तकनीकी गड़बड़ी से लिफ्ट अनियंत्रित होकर सीधे शाफ़्ट की ऊपरी छत (Top Slab) से टकरा गई. टक्कर के बाद लिफ्ट बीच में ही फंस गई और महिला अंदर ही सदमे में आ गईं. अंदर फंसी महिला ने शोर मचाया, जिसके बाद अपार्टमेंट में निवासियों ने लिफ्ट के दरवाजे खोलने की कई बार कोशिश की, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण सफलता नहीं मिली.
120 मिनट तक जानलेवा घबराहट
लिफ्ट के अंदर फंसी महिला के लिए अगले लगभग दो-ढाई घंटों तक जानलेवा घबराहट और सांसों के थमने जैसे थे. बंद केबिन में ऑक्सीजन की कमी और सदमा महिला की हालत लगातार बिगाड़ रहा था. जब महिला की जान बचाने का कोई सीधा रास्ता नहीं बचा, तो बचाव दल और निवासियों ने मिलकर एक अंतिम, लेकिन अत्यंत जोखिम भरा निर्णय लिया. फैसला लिया गया कि लिफ्ट शाफ़्ट के बगल वाली दीवार में ड्रिल मशीन का उपयोग करके एक बड़ा छेद बनाया जाएगा, जिससे महिला को बाहर निकाला जा सके.
दीवार के रास्ते महिला को निकाला
यह काम बहुत ही एहतियात के साथ किया गया, ताकि ड्रिलिंग से लिफ्ट के केबल या अंदर फंसी महिला को कोई नुकसान न पहुंचे. धीरे-धीरे और सावधानी से दीवार को तोड़ा गया. करीब दो घंटे के भीषण संघर्ष और जोखिम भरे प्रयासों के बाद, बचाव दल छेद के माध्यम से महिला को सुरक्षित बाहर निकालने में सफल रहा. महिला को तुरंत प्राथमिक उपचार दिया गया. हालांकि, वह शारीरिक रूप से सुरक्षित हैं, लेकिन इस भयावह घटना से उसे गहरा मनोवैज्ञानिक आघात (Mental Trauma) लगा है.
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कानूनी कार्रवाई की तैयारी
निवासियों ने अपार्टमेंट प्रबंधन की घोर लापरवाही पर तत्काल सवाल उठाए हैं. क्या लिफ्ट का नियमित सुरक्षा ऑडिट किया गया था? यदि हां, तो इतनी बड़ी खराबी क्यों आई, जिससे लिफ्ट अपनी दिशा बदलकर छत से टकरा गई? बुलाए गए लिफ्ट विशेषज्ञों ने भी हाथ खड़े कर दिए, क्योंकि लिफ्ट इस तरह फंसी थी कि शाफ्ट के भीतर से उसे खोलना मुश्किल था.
रायसर थाना पुलिस ने इस दुर्घटना की जांच शुरू कर दी है और लिफ्ट कंपनी व अपार्टमेंट प्रबंधन के खिलाफ लापरवाही के मामले में सख्त कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.
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