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Udaipur Lift Accident: ग्राउंड फ्लोर पर जाना था, बटन दबाते ही छत से टकराई लिफ्ट, 2 घंटे बाद महिला को दीवार तोड़कर निकाला

Amar Vilas Apartment Lift Mishap: चौथी मंजिल से नीचे आने वाली लिफ्ट अचानक रिवर्स चली और छत से जा टकराई, जिससे महिला 2 घंटे फंसी रहीं, जिसके बाद ड्रिल मशीन से दीवार तोड़कर उनकी जान बचाई गई. यह भयावह घटना उदयपुर के एक पॉश अपार्टमेंट्स में हुई.

Udaipur Lift Accident: ग्राउंड फ्लोर पर जाना था, बटन दबाते ही छत से टकराई लिफ्ट, 2 घंटे बाद महिला को दीवार तोड़कर निकाला
2 घंटे तक अटकी सांसें: उदयपुर के अमर विलास अपार्टमेंट में लिफ्ट में फंसी महिला का दर्दनाक अनुभव.
NDTV Reporter

Rajasthan News: झीलों की नगरी उदयपुर में बहुमंजिला इमारतों की सुरक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में है. न्यू आरटीओ ऑफिस के पास स्थित अमर विलास अपार्टमेंट में लिफ्ट की एक भयावह खराबी ने अपार्टमेंट में रहने वाली एक महिला की जान को दांव पर लगा दिया. महिला करीब दो घंटे तक लिफ्ट के संकरे शाफ्ट में फंसी रही. जब बचाव के सभी सामान्य तरीके नाकाम हो गए, तब रेस्क्यू टीम को ड्रिल मशीन का उपयोग करके दीवार तोड़नी पड़ी.

बटन दबाते ही रिवर्स चली गई लिफ्ट

यह हादसा उदयपुर के अमर विलास अपार्टमेंट की चौथी मंजिल पर हुआ. महिला ग्राउंड फ्लोर पर उतरने के लिए लिफ्ट में सवार हुई थीं, लेकिन तकनीकी गड़बड़ी ने सफर को खतरे में बदल दिया. महिला ने जैसे ही लिफ्ट का बटन दबाया, लिफ्ट नीचे जाने के बजाय उल्टी दिशा (रिवर्स) में तेजी से ऊपर की ओर भागने लगी. लिफ्ट अनियंत्रित होकर सीधे शाफ़्ट की ऊपरी छत (Top Slab) से टकरा गई. टक्कर के बाद लिफ्ट बीच में ही फंस गई और महिला अंदर ही सदमे में आ गईं. अंदर फंसी महिला ने शोर मचाया, जिसके बाद अपार्टमेंट में निवासियों ने लिफ्ट के दरवाजे खोलने की कई बार कोशिश की, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण सफलता नहीं मिली. 

120 मिनट तक जानलेवा घबराहट

लिफ्ट के अंदर फंसी महिला के लिए अगले 120 मिनट जानलेवा घबराहट और सांसों के थमने जैसे थे. बंद केबिन में ऑक्सीजन की कमी और सदमा महिला की हालत लगातार बिगाड़ रहा था. निवासियों ने अपार्टमेंट प्रबंधन की घोर लापरवाही पर तत्काल सवाल उठाए हैं. क्या लिफ्ट का नियमित सुरक्षा ऑडिट किया गया था? यदि हां, तो इतनी बड़ी खराबी क्यों आई, जिससे लिफ्ट अपनी दिशा बदलकर छत से टकरा गई? बुलाए गए लिफ्ट विशेषज्ञों ने भी हाथ खड़े कर दिए, क्योंकि लिफ्ट इस तरह फंसी थी कि शाफ्ट के भीतर से उसे खोलना मुश्किल था.

दीवार के रास्ते महिला को निकाला

जब महिला की जान बचाने का कोई सीधा रास्ता नहीं बचा, तो बचाव दल और निवासियों ने मिलकर एक अंतिम, लेकिन अत्यंत जोखिम भरा निर्णय लिया. फैसला लिया गया कि लिफ्ट शाफ़्ट के बगल वाली दीवार में ड्रिल मशीन का उपयोग करके एक बड़ा छेद बनाया जाएगा, जिससे महिला को बाहर निकाला जा सके. यह काम बहुत ही एहतियात के साथ किया गया, ताकि ड्रिलिंग से लिफ्ट के केबल या अंदर फंसी महिला को कोई नुकसान न पहुंचे. धीरे-धीरे और सावधानी से दीवार को तोड़ा गया. करीब दो घंटे के भीषण संघर्ष और जोखिम भरे प्रयासों के बाद, बचाव दल छेद के माध्यम से महिला को सुरक्षित बाहर निकालने में सफल रहा.

महिला पूरी तरह से सुरक्षित

महिला को तुरंत प्राथमिक उपचार दिया गया. हालांकि, वह शारीरिक रूप से सुरक्षित हैं, लेकिन इस भयावह घटना के कारण गहरे मनोवैज्ञानिक आघात (Mental Trauma) में हैं. रायसर थाना पुलिस ने इस दुर्घटना की जांच शुरू कर दी है और लिफ्ट कंपनी व अपार्टमेंट प्रबंधन के खिलाफ लापरवाही के मामले में सख्त कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.

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