Rajasthan News: राजस्थान के उदयपुर जिले में टेल्स द्वारा आयोजित तीन दिवसीय स्टोरी टेलिंग फेस्टिवल का शुभारंभ शिल्पग्राम के समीप स्थित पार्क एक्जॉटिका रिसॉर्ट में हुआ. इस फेस्टिवल में कुछ कहानियां सच्ची घटनाओं पर आधारित थीं, तो कुछ काल्पनिक, लेकिन सभी का उद्देश्य कहानी कहने और सुनने की प्राचीन कला को पुनर्जीवित करना था. फेस्टिवल का पहला सत्र देशभक्ति और वीरता की प्रेरणादायक कहानी से शुरू हुआ.
महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की अमर वीरता की यह कहानी राष्ट्रीय संगीत नाटक अकादमी से सम्मानित प्रसिद्ध नाट्यकार विलास जानवे ने सुनाई. करीब 1,000 स्कूली बच्चों के सामने उन्होंने चेतक की वीरता का वर्णन किया. चेतक जिसे महाराणा प्रताप केवल एक घोड़ा नहीं, बल्कि एक सेनापति मानते थे. उनकी स्वामीभक्ति और बलिदान की यह कहानी बच्चों को मंत्रमुग्ध कर गई.
समाज और संस्कृति के बीच होगा संवाद
उदयपुर टेल्स की सह-संस्थापिका सुष्मिता सिंघा ने कहा कि उदयपुर स्टोरी टेलिंग फेस्टिवल केवल कहानी सुनाने का एक मंच नहीं है. बल्कि इसके माध्यम से हम उदयपुर को भारत और विदेशों की कहानियों की राजधानी के रूप में स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं. कहानियों के माध्यम से हम समाज और संस्कृति के बीच एक गहरा संवाद स्थापित कर सकते हैं.
उदयपुर टेल्स के सह-संस्थापक सलिल भंडारी ने कहा कि कहानियां केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं हैं, बल्कि ये समाज को जोड़ने और नई पीढ़ी को प्रेरित करने का एक सशक्त जरिया हैं. इस फेस्टिवल के जरिए हम बच्चों और युवाओं में रचनात्मकता और आत्मविश्वास को बढ़ावा देना चाहते हैं.
चेतक की कहानी हमेशा देती है प्रेरणा
पहले सत्र के नाट्यकार विलास जानवे ने कहा कि गंभीर विषयों को मनोरंजक ढंग से कहानी के रूप में प्रस्तुत करने से उनका प्रभाव बढ़ जाता है और वे लंबे समय तक याद रहती हैं. चेतक की कहानी हर किसी ने सुनी होगी, लेकिन इस मंच पर हमने इसे बच्चों के लिए एक नए तरीके से प्रस्तुत किया.
जिसका उन्होंने भरपूर आनंद लिया. चेतक की वीरता की कहानी जो हमेशा से प्रेरणा का स्रोत रही है, से शुरुआत करना इस फेस्टिवल के लिए एक उपयुक्त शुरुआत थी.