URS 2025: अजमेर में चल रहे महान सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 813वें उर्स पर जायरीनों के आने का सिलसिला जारी है. इसी सिलसिले में पिछले दिनों पीएम मोदी ने भी ख्वाजा की शान में चादर भेजी थी, जिसे केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने दरगाह पर पेश किया था. इसके बाद चादर पेश करने का सिलसिला जारी है. अब तक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राजस्थान के सीएम भजन लाल शर्मा, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और तमिलनाडु के सीएम चादर चढ़ाकर ख्वाजा से देश में अमन, चैन और खुशहाली की दुआ मांग चुके हैं.
पाकिस्तान से आया 89 जायरीनों का जत्था
इस अवसर पर भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान से भी पाकिस्तानी जायरीन ख्वाजा की जियारत करने के लिए सोमवार देर रात भारत आए. पाकिस्तानी जायरीनों का जत्था सोमवार को अमृतसर से विशेष ट्रेन से अजमेर पहुंचा. इसमें दो दूतावासों के लोगों समेत करीब 89 जायरीन शामिल थे. इन सभी को शहर के चूड़ी बाजार स्थित सेंट्रल गर्ल्स स्कूल में जीआरपी, आरपीएफ और राजस्थान पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच रोककर आवश्यक कार्रवाई की. जहां से वे आज यानी मंगलवार को दरगाह पर जियारत में शामिल होंगे.
बिना इजाजत नहीं जा सकेंगे बाहर
राजस्थान पुलिस ने बताया कि पाकिस्तानी जायरीनों के लिए सेंट्रल गर्ल्स स्कूल में खाने-पीने, रहने और परिजनों से संवाद के लिए टेलीफोन सुविधा की व्यवस्था की गई है. बिना अनुमति के कोई भी स्कूल से बाहर नहीं जा सकेगा. स्कूल में उन्हें सभी जरूरी सामान उपलब्ध कराए गए हैं. पाकिस्तानी जायरीनों को ठंड से बचाने के लिए भी बेहतरीन इंतजाम किए गए हैं. उन्होंने बताया कि दरगाह पर जाने के लिए भी पाकिस्तानी जायरीनों के लिए व्यवस्था की गई है. दरगाह के अलावा पाकिस्तानी जायरीनों के किसी अन्य स्थान पर जाने पर रोक है, यहां तक कि बाजार से खरीदारी करने पर भी रोक रहेगी.
क्यों मनाया जाता है उर्स का मेला
कहा जाता है कि ख्वाजा गरीब नवाज 36 वर्ष की उम्र में अजमेर आए थे. जहां वह रजब के चांद की तारीख से 5 रजब तक अपने हुजरे (कमरे) में रहे. छठे दिन हमरे से जब कोई आवाज भीतर से नहीं आई, तो उनके शिष्यों परेशान होने लगे. उसके बाद सभी ने मिलकर हुजरे को खोला जाए. तब ख्वाजा गरीब नवाज इस दुनिया से पर्दा कर चुके थे. उनके शिष्य उनके चमकते हुए चेहरे की रोशनी को देख हैरान थे. उन्होंने देखा की उनकी पर लिखा था कि अल्लाह का दोस्त, अल्लाह की मोहब्बत में अल्लाह से जा मिला. उन्होंने बताया कि विगत 6 दिनों में ख्वाजा गरीब नवाज ने दुनिया से कब पर्दा किया, यह किसी को नहीं पता था. यही वजह है कि ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स 6 दिन मनाया जाने लगा.