गोरम घाट, फुलाद और खामलीघाट की रोमांचक यात्रा, टूरिस्टों की पसंद बना Valley Queen Express

हेरिटेज ट्रेन को राजस्थानी लुक देने के लिए कोच पर राजस्थानी चित्रकारी की गई है. ट्रेन गोरम घाट, फुलाद और खामलीघाट पर रुकती है.

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राजस्थान में पर्यटन को आकर्षित कर रही “वैली क्वीन एक्सप्रेस”.

Rajasthan News: देश की धरोहर को दर्शाने वाली हेरिटेज ट्रेन “वैली क्वीन एक्सप्रेस” (Valley Queen Express ) की लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है. यह ट्रेन पर्यटकों को काफी लुभा रही है. इस वजह से ट्रेन में यात्रियों की संख्या बढ़ रही है. गत दो माह अगस्त और सितंबर में अब तक इस ट्रेन में 646 यात्रियों यात्रा की है. रेलवे को भी इससे 5,27,114 रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ. इस गाड़ी मे ऑनलाइन रिजर्वेशन भी उपलब्ध है. जिससे लोग बड़ी संख्या मे ग्रुप मे भी टिकट बुक करवा सकते हैं.

नरेंद्र मोदी ने की थी शुरुआत 

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण ने बताया कि अरावली की मारवाड़-खामली घाट रेल खंड को रेलवे ने विरासत के क्रम में ही रखा है. इस खण्ड पर मारवाड़-खामलीघाट के बीच प्रदेश की पहली हेरिटेज ट्रेन “वैली क्वीन” चलाई गई. इस ट्रेन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 05 अक्टूबर 2023 को हरी झंडी दिखाकर की थी. ट्रेन मारवाड़-खामलीघाट के बीच सप्ताह में 5 दिन चलती है.

ट्रेन को दिया राजस्थानी लुक

हेरिटेज ट्रेन को राजस्थानी लुक देने के लिए कोच पर राजस्थानी चित्रकारी की गई है. ट्रेन गोरम घाट, फुलाद और खामलीघाट पर रुकती है. इसमें 60 सीटों वाली एसी चेयर कार कोच, एक सामान्य कोच और एक ट्वेंटी-सीटर विंडो केबिन है. वैली क्वीन हेरिटेज ट्रेन के डीजल इंजन को भाप इंजन जैसा बनाया गया है. 

पर्यटन का आधार बनी हुई है ट्रेन 

अरावली पहाड़ियों के बीच मारवाड़ से खामलीघाट 47 किलोमीटर की रेल लाइन प्राकृतिक सौन्दर्य से भरे इस क्षेत्र में पर्यटन का आधार बनी हुई है. इस ट्रेन से यात्रा के दौरान यात्रियों को हरी-भरी घाटियों, पहाड़ियों, दुर्लभ वनस्पतियों और स्थानीय जीव जन्तुओं के मनमोहक दृश्य देखने को मिलते है.

इस मार्ग में लगभग 100 साल पुरानी दो सुरंगें और जलधाराओं का गोरमघाट पुल हैं. ट्रेन के कोच में एनाउंसमेंट के साथ टीवी स्क्रीन भी लगाई गई है. जिसमें पूरे रास्ते और गोरमघाट की वादियों के बारे में पर्यटकों को जानकारी दी जाती है.

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