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Vande Mataram 150th Anniversary: वंदे मातरम् के 150 साल का ऐतिहासिक जश्न, आज जयपुर के SMS स्टेडियम में 50 हजार लोग एक साथ गाएंगे राष्ट्रीय गीत

Vande Mataram 150th Anniversary Celebration: राष्ट्रीय गीत 7 नवंबर 1875 को अक्षय नवमी के पावन अवसर पर बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा लिखा गया था. यह गीत पहली बार बंकिमचंद्र के प्रसिद्ध उपन्यास 'आनंदमठ' के एक अंश के रूप में साहित्यिक पत्रिका 'बंगदर्शन' में प्रकाशित हुआ.

Vande Mataram 150th Anniversary: वंदे मातरम् के 150 साल का ऐतिहासिक जश्न, आज जयपुर के SMS स्टेडियम में 50 हजार लोग एक साथ गाएंगे राष्ट्रीय गीत
Vande Mataram 150th Years Celebration in Jaipur: वंदे मातरम् के 150 साल का ऐतिहासिक जश्न, जयपुर से 'एक भारत' का उद्घोष, 50000 लोग गाएंगे राष्ट्रीय गीत
NDTV Reporter

Rajasthan News: देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् की रचना के 150 वर्ष (Vande Mataram 150th Anniversary) पूरे होने के उपलक्ष्य में, राजस्थान की राजधानी जयपुर (Jaipur) आज (7 नवंबर 2025) को एक ऐतिहासिक उत्सव का साक्षी बनने जा रहा है. इस मौके पर सवाई मानसिंह स्टेडियम (SMS Stadium) में राज्य स्तरीय मुख्य समारोह का भव्य आयोजन किया जाएगा, जहां करीब 50 हजार लोग एक साथ इस अमर गीत का सामूहिक गायन करेंगे. यह आयोजन महज एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि राष्ट्रभक्ति और स्वदेशी की भावना को समर्पित एक वर्षव्यापी अभियान "वंदे मातरम् @ 150" का औपचारिक शुभारंभ है, जो 7 नवंबर 2025 से 7 नवंबर 2026 तक पूरे देश में चलेगा.

मुख्यमंत्री की अगुवाई में देशभक्ति का महाअभियान

कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा स्वयं इसमें शामिल होंगे. उन्होंने ट्वीट कर सभी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं और इस अमर गीत को मातृभूमि के प्रति समर्पण, त्याग और राष्ट्रीय चेतना को जागृत करने वाला बताया है. मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, यह उत्सव देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत होकर मनाया जाएगा, जिसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय एकता की भावना को शुद्ध करना है.

स्कूल, पुलिस और आर्मी बैंड की शानदार प्रस्तुतियां

इस राज्य स्तरीय समारोह में सरकारी एवं गैर-सरकारी शिक्षण संस्थानों के स्टूडेंट्स, विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों के छात्र, NSS, NCC और हिंदुस्तान स्काउट गाइड के कैडेट्स, पुलिस एवं RAC के जवान, विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता समेत आम नागरिक और जनप्रतिनिधि भाग लेंगे. इस भव्य आयोजन के दौरान सामूहिक 'वंदे मातरम्' गायन के साथ ही 50 हजार तिरंगा झंडों का वितरण किया जाएगा. स्कूल, पुलिस और आर्मी बैंड अपनी शानदार प्रस्तुतियां देंगे, और महापुरुषों पर आधारित प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी.

7 नवंबर 1875 को बंकिमचंद्र चटर्जी ने लिखा था वंदे मातरम्

'वंदे मातरम्' की रचना का 150 वर्ष का सफर भारत के स्वतंत्रता संग्राम की गाथा से जुड़ा हुआ है. यह राष्ट्रीय गीत 7 नवंबर 1875 को अक्षय नवमी के पावन अवसर पर बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा लिखा गया था. यह गीत पहली बार बंकिमचंद्र के प्रसिद्ध उपन्यास 'आनंदमठ' के एक अंश के रूप में साहित्यिक पत्रिका 'बंगदर्शन' में प्रकाशित हुआ. 'वंदे मातरम्' ने मातृभूमि को शक्ति, समृद्धि और दिव्यता का प्रतीक बताते हुए भारत की एकता और आत्मगौरव की भावना को काव्यात्मक अभिव्यक्ति दी. यह जल्द ही राष्ट्र के प्रति समर्पण का एक चिरस्थायी प्रतीक बन गया. इस गीत ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लाखों क्रांतिकारियों और सेनानियों के लिए प्रेरणा और ऊर्जा का काम किया. 150 वर्ष बाद भी, यह गीत देश की अखंडता और पहचान का सशक्त माध्यम बना हुआ है.

पूरे प्रदेश में देशभक्ति की लहर, जिला स्तर तक आयोजन

'वंदे मातरम् @ 150' कार्यक्रम सिर्फ जयपुर तक सीमित नहीं रहेगा. मुख्यमंत्री के निर्देश पर, इस महाअभियान को राज्य के हर कोने तक ले जाने की व्यापक योजना तैयार की गई है. आज जयपुर के साथ ही प्रदेश के 9 प्रमुख जिलों—अजमेर, बीकानेर, उदयपुर, भरतपुर, कोटा, जोधपुर, सीकर, भीलवाड़ा और अलवर में भी जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

8 और 9 नवंबर को जन-जागरूकता अभियान

श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए, 8 और 9 नवंबर को शेष 31 जिलों में प्रभारी मंत्रियों की उपस्थिति में कार्यक्रम होंगे. इनमें प्रभात फेरी, रन अथवा बाइक रैली के माध्यम से 'वंदे मातरम्' का संदेश जन-जन तक पहुंचाया जाएगा. तय कार्यक्रम के तहत, शहीद स्मारकों पर प्रोग्राम होंगे, स्कूलों में सामूहिक राष्ट्रगीत एवं राष्ट्रगान होगा. निबंध लेखन, चित्रकला व रंगोली प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी. NSS द्वारा स्वच्छता अभियान और रक्तदान शिविर लगाया जाएगा. साथ ही साथ, स्वतंत्रता सेनानियों व उनके परिजनों का सम्मान किया जाएगा. इस दौरान थीमैटिक प्रदर्शनी, फोटोग्राफ, डिजिटल पैनल और कला प्रदर्शनियों के माध्यम से 'वंदे मातरम्' की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और स्वतंत्रता संग्राम में इसकी भूमिका को उजागर किया जाएगा.

ग्राम पंचायत स्तर तक पहुंचेगा 'वंदे मातरम्' का संदेश

इस अभियान को जन आंदोलन का स्वरूप देने के लिए ब्लॉक एवं ग्राम पंचायत स्तर पर भी विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे. 'एक स्थान, एक समय, एक गीत - वंदे मातरम्' की थीम पर सामूहिक गायन कार्यक्रम किए जाएंगे, जिनमें पंचायत प्रतिनिधि, विद्यार्थी और सामाजिक संस्थाएं सक्रिय रूप से भाग लेंगी.

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