
Rajasthan News: राजस्थान के झुंझुनूं जिले के छोटे से गांव किठाना में सोमवार शाम सूरज ढलने के साथ ही कुछ उदासी छा गई. देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे की खबर ने गांव को स्तब्ध कर दिया. खेतों में हल चलाते किसान, चौपाल पर बैठे बुजुर्ग, हर कोई एक ही सवाल पूछ रहा है- क्या वाकई धनखड़ साहब ने इस्तीफा दे दिया? यह खबर जैसे ही गांव तक पहुंची, फोन की घंटियां लगातार बजने लगीं. हर कोई अपने-अपने रिश्तेदारों से खबर की पुष्टि करने में लगा था. सन्नाटे को चीरती चर्चाएं थीं- धनखड़ साहब तो भले चंगे दिखते थे, फिर इस्तीफा क्यों?
'अब खास ख्याल रखना होगा'
धनखड़ के भतीजे हरेंद्र धनखड़ ने बताया कि मार्च में उपराष्ट्रपति का हार्ट ऑपरेशन हुआ था और बीते महीने उत्तराखंड में सीने में दर्द की शिकायत भी आई थी. लेकिन इस्तीफे जैसा फैसला इतना अचानक होगा, इसकी किसी को भनक तक नहीं थी. सच्चाई यह भी है कि महज तीन सप्ताह पहले, धनखड़ की धर्मपत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ गांव आई थीं. यहां वे तीन दिन तक रुककर मंदिर गईं और ग्रामीणों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने अपनों से साफ-साफ कहा था- अब उपराष्ट्रपति का खास ख्याल रखना होगा, स्वास्थ्य पहले जैसा नहीं रहा. यह वाक्य अब किसी भविष्यवाणी की तरह गांव के हर चौक-चौराहे पर गूंज रहा है.
3 साल में 7 बार झुंझुनूं आए धनखड़
धनखड़ भले ही अब उप राष्ट्रपति पद पर न हों, लेकिन किठाना गांव के दिलों में वे हमेशा ‘अपने' रहेंगे. गांव के विकास के लिए उन्होंने ऐतिहासिक कार्य करवाए. 3 साल में 7 बार झुंझुनूं आए और हर बार कुछ नया देकर लौटे. हर बार उनकी आवाज में गांव की मिट्टी की महक होती थी, और आंखों में झुंझुनूं के लिए कुछ कर गुजरने की चमक.
पहली बार: 8 सितंबर 2022 – किठाना में भव्य स्वागत
दूसरी बार: 19 नवंबर 2022 – खेतड़ी में स्वामी विवेकानंद संदेश यात्रा
तीसरी बार: 27 अगस्त 2023 – सैनिक स्कूल में छात्रों से संवाद
चौथी बार: 27 सितंबर 2023 – BITS पिलानी में छात्रों से संवाद
पांचवीं बार: 17 सितंबर 2024 – झुंझुनूं में ‘स्वच्छता ही सेवा' का आगाज
छठी बार: 20 नवंबर 2024 – काजड़ा नवोदय विद्यालय में संबोधन
सातवीं बार: 5 मार्च 2025 – सांगासी के गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल में संवाद
गांव में मायूसी का माहौल
किठाना की सरपंच सुभीता धनखड़ कहती हैं, 'हम सबको गर्व था कि हमारे गांव का बेटा देश के दूसरे सर्वोच्च पद पर है. अब जब उन्होंने इस्तीफा दिया है, तो लग रहा है जैसे गांव का एक मजबूत स्तंभ हिल गया हो.'
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