Jhunjhunu News: झुंझुनू के उप चुनाव में लाल डायरी एक बार फिर सुर्खियों में है. दरअसल लाल डायरी के बाद चर्चाओं में आए पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा झुंझुनूं विधानसभा में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. उनके निशाने पर कांग्रेस प्रत्याशी अमित ओला और उनके पिता सांसद बृजेंद्र ओला हैं, तो कांग्रेस भी भाजपा से ज्यादा राजेंद्र सिंह गुढ़ा की हकीकत आम जनता को बता रही है. इन बयानबाजी के बीच ही अब फतेहपुर से विधायक हाकम अली ने लाल डायरी को लेकर बड़ा बयान दिया है.
जब मौका आया तो गहलोत को भी किनारे कर दिया
झुंझुनू में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए हाकम अली ने कहा कि राजेंद्र सिंह गुढ़ा विश्वास करने के लायक नहीं है. यह सिर्फ धोखा है. कभी अशोक गहलोत का खास लोगों में राजेंद्र सिंह गुढ़ा का नाम आता था. लेकिन जब मौका आया तो अशोक गहलोत को भी राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने किनारे कर दिया. यही नहीं हाकम अली ने पहली बार लाल डायरी को लेकर विधानसभा में हुए हंगामे पर भी बोले. उन्होंने कहा कि मैंने और विधायक रफीक खान ने ही गुढ़ा से विधानसभा में लाल डायरी छीनी थी.
''मुसलमानों के साथ धोखा कर गायब हो जाएगा''
इसके बाद उसने गाली निकाली तो हमें उसके साथ मारपीट करनी पड़ी और फिर लात मारकर विधानसभा के बाहर निकाला. गुढ़ा कोई गुंडा नहीं है. विधानसभा के बाहर जाकर रोया था. गुढ़ा ने उन्हें धमकी दी थी कि बाहर निकलना. लेकिन हम उसकी धमकी के बाद भी बाहर निकले और हमारा कुछ नहीं बिगड़ा. उन्होंने कहा कि जिसने बसपा, कांग्रेस और शिव सेना के साथ धोखा किया. अब उप चुनाव में मुसलमानों के साथ धोखा कर गायब हो जाएगा. विधायक हाकम अली के इस बयान के बाद एक बार फिर लाल डायरी चर्चा में आ गई है.
राजेंद्र गुढ़ा ने मुझे जातिसूचक गाली दी- हाकम
हाकम ने कहा कि गुढ़ा लाल डायरी ले कर भाग रहा था. मैंने उनसे लाल डायरी छीन ली. मैंने कहा की तेरी लाल डायरी में क्या है, मुझे आज देखना है. मैनें लाल डायरी छीन ली. मेरे बगल में आदर्श नगर विधायक रफीक खान भी बैठे थे. लेकिन राजेंद्र गुढ़ा ने मुझे जातिसूचक गाली दी. उसके बाद मैंने वहीं उसके पांच- सात धर दी. लात देकर विधानसभा से बाहर निकला दिया. बाद में हमें दमकी दी कि बाहर आओ. मैनें उससे कहा कि जितनी फौज लगा लेना हम बाहर आएंगे. अकेले आएंगे.
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