
SDM को थप्पड़ मारने के बाद सुर्खियों में आए नरेश मीणा आज अचानक सवाई माधोपुर जिले के डूंगरी एंव भूरी पहाड़ी गांव पहुंचे. डूंगरी बांध को लेकर ग्रामीणों की आमसभा में नरेश मीणा ने शिरकत की. नरेश मीणा ने कहा कि डूंगरी बांध को निरस्त करवाने के लिए ग्रामीणों के साथ मिलकर आंदोलन करेंगे. सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान कर दिया. नरेश मीणा ने कहा कि वे किसी भी कीमत पर डूंगरी बांध नहीं बनने देंगे, और ग्रामीणों के आशियाने नहीं उजड़ने देंगे.
"लाखों लोग भूख हड़ताल पर बैठेंगे"
नरेश मीणा ने कहा कि सरकार डूंगरी बांध बनाकर 76 गांव के लाखों लोगों को घर से बेघर करना चाहती है, लेकिन नरेश मीणा ये हरगिज नहीं होने देगा. चाहे उन्हें अपनी जान ही क्यों न देनी पड़े. नरेश मीणा ने कहा कि डूंगरी बांध के विरोध में होने वाले आंदोलन में वे आगामी दिनों में बड़ा आंदोलन करेंगे, और एक साथ लाखों लोग भूख हड़ताल पर बैठेंगे. गांधीवादी तरीके से डूंगरी बांध का विरोध करेंगे. ग्रामीणों की डुंगरी बांध निरस्त करने की मांग को मानना ही पड़ेगा.
बीजेपी और कांग्रेस पर बोला हमला
उन्होंने कहा कि ऐसा आंदोलन आज तक इस देश के इतिहास में नहीं हुआ होगा. जो वे डूंगरी बांध को लेकर आने वाले दिनों में करेंगे. डूंगरी बांध पर आयोजित आमसभा में नरेश मीणा ने भाजपा और कांग्रेस पर भी जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग तो इस आंदोलन में नहीं आएंगे, लेकिन कांग्रेस के सांसद और सवाई माधोपुर खंडार से चुनाव लड़ने वाले नेता कहां हैं.

ग्रामीणों के सभा में पहुंचे नरेशा मीणा.
"आंदोलन में साथ नहीं देने वाले नेताओं का बहिष्कार"
उन्होंने कहा की डूंगरी बांध में एक भी ईंट नहीं लगने देंगे. नरेश मीणा ने ग्रामीणों से कहा कि महापंचायत में जो पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया है, उससे तो अच्छा ये है कि आप लोग उन नेताओं का बहिष्कार करो, जो आपके इस आंदोलन में आपका साथ नहीं दे रहे हैं. पैदल यात्रा निकाले का ऐलान किया, जो 76 गांवों में जाएगी. ये गांव डूंगरी बांध के क्षेत्र में आ रहे हैं.
"जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी महान"
नरेश मीणा ने कहा सरकार को लगता था कि नरेश मीणा बाहर रहेगा तो डूंगरी बांध आंदोलन में जरूर जाएगा, इस लिए मुझे 40 दिनों तक जेल में रखा. पक्षी मरने के बाद भी अपना घोसला नहीं छोड़ता, हम तो आदमी हैं. हमारी पीढ़ियां दर पीढ़ियां यहां रही हैं. जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी महान है. हम स्वर्ग के रूप में जननी (मां) जिसने हमें जन्म दिया और जहां हम जन्म लेते हैं.
"अपनी जमीन और जायदार को कैसे छोड़ दें"
उन्होंने कहा, "एक इंच खेत की मेड़ भी तोड़ देता है तो हम अपने सगे भाई को मार देते हैं. उसका गला रेत देते हैं. तो गांव के हजारों लोग अपनी जमीन और जायदाद को कैसे छोड़ दें. और छोड़ भी दो तो जहां-जहां विस्थापन हुआ है. बीसलपुर चले जाओ, जो डूब क्षेत्र में आए थे. आज बीसलपुर चले जाओ, जहां विस्थापन हुआ है, वे नरक का जीवन जी रहे हैं. इस आंदोलन में हम किसी को मारेंगे नहीं, बल्कि मार खाने और मरने से मकसद से इस आंदोलन में कूदना चाहते हैं.
सर्व समाज के नेताओं को बुलाने का आह्वान
इस आंदोलन में सर्व समाज के लोग शामिल होंगे. नरेश मीणा ने कहा कि आगामी आन्दोलन और अनशन में ग्रामीण गुर्जर समाज के प्रह्लाद गुंजल को लाए, मुस्लिम समाज से इमरान प्रतापगढ़ी या औवेसी को बुलाएं. ब्राह्मण समाज के नेताओं को बुलाएं और आंदोलन को सर्व समाज का आंदोलन बनाएं. आंदोलन में फूल माला और साफा नहीं पहनाएं, जब तक यह आंदोलन सफल नहीं होता है, तब तक सभी ग्रामीण एक जुट होकर लड़े.
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