Banswara Dungarpur Lok Sabha Seat: लोकसभा चुनाव 2024 में राजस्थान में शुरू से ही सियासी उलटफे का खेल चल रहा है. वहीं, चुनाव की सुगबुगहाट शुरू होते ही सबसे पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता महेंद्रसिंह मालवीय ने बीजेपी दामन थाम कर सियासी सरगरमी बढ़ा दी थी. इसके बाद मालवीय को बीजेपी ने बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार उतार दिया. इसके बाद तो बांसवाड़ा में कांग्रेस के नेताओं के पाला बदलने का दौर शुरू हुआ. नतीजा ये हुआ कि कांग्रेस को यहां उम्मीदवार मिलना मुश्किल हो गया. वहीं, नामांकन के आखिरी दिन बांसवाड़ा में पर्चा दाखिल करने से एक घंटे पहले कांग्रेस के अंदर बड़ा खेल हो गया.
पहले कांग्रेस से अर्जुन सिंह बामनिया बने उम्मीदवार
बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट पर दूसरे फेज में चुनाव होना है. वहीं इसी सीट पर नामांकन की आखिरी तारीख 4 अप्रैल है. वहीं 3 अप्रैल तक कांग्रेस ने इस सीट पर किसी उम्मीदवार का नाम फाइनल नहीं किया था. लेकिन 4 अप्रैल की सुबह कांग्रेस की ओर से अर्जुन सिंह बामनिया का नाम सामने आया. इसके बाद साफ था कि बामनिया अपना नामांकन करवाएंगे, लेकिन वह नॉमिनेशन करने नहीं पहुंचे.
नामांकन के आखिरी घंटे क्या हुआ
बताया जा रहा है कि अर्जुन सिंह बामनिया ने जब नामांकन नहीं कराया तो उनकी जगह पर यूथ कांग्रेस के प्रदेश महासचिव अरविंद डामोर ने नामांकन दाखिल कर दिया. बताया जा रहा है कि उन्होंने डमी कैंडिडेट के रूप में अपना पर्चा दाखिल किया है. जबकि उनका नाम न लिस्ट में था और न ही उनके बारे में किसी तरह की चर्चा थी.
अरविंद डामोर के नामांकन पर क्या बोले अर्जुन सिंह बामनिया
कांग्रेस नेता अर्जुन सिंह बामनिया ने अरविंद डामोर के नामांकन पर कहा कि मैं 60 साल का हो गया हूं. इसलिए युवा को मौका दिया गया है. उन्होंने कहा अरविंद डामोर काफी समय से लगे थे. अब वह लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. हालांकि अर्जुन सिंह बामनिया जिस तरह से उन्होंने कहा उससे साफ था की पार्टी के अंदर सबकुछ ठीक नहीं है.
अर्जुन सिंह बामनिया के बजाए अरविंद डामोर के नामांकन पर क्या लग रहे कयास
अर्जुन सिंह बामनिया के नामांकन नहीं होने को लेकर ऐसा भी कहा जा रहा है कि उनके नामांकन की प्रक्रिया में किसी तरह की दिक्कत आई थी. इस वजह से उन्होंने नामांकन नहीं कराया. वहीं दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान की ओर से बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट के लिए किसी का नाम दिया ही नहीं गया. हालांकि यह भी एक अलग खेल का पात्र है, जहां कहा जा रहा है कि कांग्रेस BAP से बिना गठबंधन किये उनके खिलाफ उम्मीदवार उतारना नहीं चाहते थे. चूकी बांसवाड़ा में पार्टी के गठबंधन करने का विरोध जताया जा रहा था.
वहीं अब यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस आलाकमान के निर्देशों से अलग यहां क्षेत्रिय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया. जिसके तहत अरविंद डामोर को नामांकन करा कर उम्मीदवार घोषित किया गया है. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि इस पर कांग्रेस आलाकमान से इस पर कोई नया निर्देश भी आ सकता है. क्योंकि 8 अप्रैल तक नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख है.
BAP के प्रत्याशी ने मांगा कांग्रेस से समर्थन
दूसरी ओर भारतीय आदिवासी पार्टी ने कांग्रेस से समर्थन की मांग भी की थी. बाप के उम्मीदवार राजकुमार रोत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा, बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट पर भारत आदिवासी पार्टी को समर्थन करते हुए इण्डिया गठबंधन में कांग्रेस सीट को छोड़ती है तो हम और यहां के समस्त रहवासी कांग्रेस आलाकमान के आभारी रहेंगे और भाजपा को धूल चटाएंगे.
बहरहाल, बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट को लेकर कांग्रेस के अंदर क्या खेल चल रहा है. इस बात को कोई समझा तो कोई समझ नहीं पाया है.
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