Rajasthan News: राजस्थान के सियासी गलियारों में इस वक्त सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, जिसमें लोगों की भीड़ 'सचिन पायलट मुर्दाबाद' के नारे लगाती हुई नजर आ रही है. करीब 4 मिनट के इस वीडियो में लोग सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और जोर-जोर अपने विधायक के खिलाफ नारे लगा रहे हैं. इस दौरान पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी टोंक की जनता को समझाने की कोशिश करते हैं, मगर विरोध प्रदर्शन जारी रहता है. पायलट के गढ़ में सचिन का ऐसा विरोध देखकर सभी हैरान हैं. इसीलिए यह वीडियो गुरुवार सुबह 'X' पर टॉप ट्रेंड कर रहा है.
हेड कॉन्स्टेबल की टैक्टर से टक्कर के बाद मौत
यह पूरा मामला टोंक में बजरी माफिया के आतंक से जुड़ा है. कुछ दिन पहले थाना कोतवाली में तैनात हेड कॉन्स्टेबल खुशीराम को बजरी माफिया ने ट्रैक्टर से टक्कर मारकर घायल कर दिया, जिसकी जयपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई. इस घटना के गुस्साए दलित समाज के लोग बुधवार को सड़कों पर उतर आए और कलेक्ट्रेट में नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन करने लगे. इस दौरान जिला कांग्रेस अध्यक्ष हरिप्रसाद बैरवा की मौजूदगी में सचिन पायलट मुर्दाबाद के नारे भी लगे. प्रदर्शनकारियों ने सरकार से मांग की कि मृतक पुलिसकर्मी को शहीद का दर्जा देते हुए परिवार को 1 करोड़ की सहायता राशि दी जाए. हालांकि अभी तक इस मामले में कोई सहमति नहीं बन पाई है. इस कारण बुधवार को मृतक पुलिसकर्मी का अंतिम संस्कार नहीं हो सका. वहीं शव जयपुर से टोंक भी नहीं लाया गया.
पायलट ने राज्य सरकार से की कार्रवाई की मांग
बजरी माफिया के इस आतंक का ताजा मामला सचिन पायलट के संज्ञान में है और उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट करते हुए राज्य सरकार से इन अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने मृतक कॉन्स्टेबल की तस्वीर शेयर करते हुए अपनी पोस्ट में लिखा, 'ट्रैक्टर द्वारा टक्कर मारे जाने से टोंक जिले के हेड कांस्टेबल खुशीराम बैरवा की मृत्यु होने की खबर हृदयविदरक है. प्रदेश में बजरी माफिया जिस प्रकार बढ़ रहा है. उस पर लगाम लगाने की सख्त आवश्यकता है. राज्य सरकार ऐसे अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाईकरे. खुशीराम ने अंतिम समय तक अपने कर्त्तव्य का निर्वहन किया. मैं उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं एवं उनके परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करता हूं.'
'बजरी माफिया के खिलाफ कुछ नहीं बोला'
वहीं, सोशल मीडिया पर #सचिनपायलट के साथ की जा रहीं पोस्ट पर गौर करें तो उसमें लोग कह रहे हैं कि, 'बैरवा की हत्या के बावजूद सचिन पायलट ने बजरी माफिया के खिलाफ कुछ नहीं बोला है. टोंक में बजरी माफिया ने ये दूसरी हत्या की है. टोंक सचिन पायलट का विधानसभा क्षेत्र है. पिछली बार शंकर मीणा की हत्या हुई थी. तब न्याय दिलाने हनुमान बेनीवाल गए थे. उम्मीद है इस बार सचिन पायलट इस गरीब को न्याय दिलाने जाएंगे और बजरी माफिया के खिलाफ अपना मुंह खोलेंगे. वरना यही समझा जाएगा कि पायलट साहब की बजरी माफिया के साथ मिलीभगत है.'
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