महिला आरक्षण बढ़ाए जाने के खिलाफ जयपुर में युवाओं का प्रदर्शन, मनोज मीणा की गिरफ्तारी से आक्रोश, 6 घंटे बाद हुई रिहाई

Protest Against women Reservation: राजस्थान में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में महिलाओं के आरक्षण की सीमा 30 % से बढ़ाकर 50 % कर दी गई थी. महिलाओं ने जहां इसका स्वागत किया था, वहीं फैसले के ऐलान के बाद ही कुछ युवाओं ने इसका विरोध शुरू कर दिया था.

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मनोज मीणा की रिहाई के बाद एक साथ खड़े महिला आरक्षण बढ़ाए जाने का विरोध करने वाले अलग-अलग संगठन के छात्रनेता.

Protest Against women Reservation: राजस्थान में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में महिलाओं का आरक्षण 30 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किए जाने का विरोध जारी है. गुरुवार को प्रदेश के कई जिलों में अलग-अलग संघटनों ने विरोध-प्रदर्शन किया. इसी कड़ी में राजधानी जयपुर स्थित शहीद स्मारक पर राजस्थान युवा शक्ति एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष मनोज मीणा के नेतृत्व में सैकड़ों युवाओं ने विरोध-प्रदर्शन किया. लेकिन विरोध-प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने मनोज मीणा को हिरासत में ले लिया. जिसके बाद प्रदर्शन कर रहे युवाओं का आक्रोश और भड़क उठा. शहीद स्मारक पर प्रदर्शन के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी मनोज मीणा को रिहा करो और पुरुषों का हक मत मारो के हैशटैग के साथ आवाज बुलंद की गई. आखिरकार 6 घंटे बाद पुलिस ने मनोज मीणा को रिहा कर दिया. 

मालूम हो कि राजस्थान में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में महिलाओं के आरक्षण की सीमा 30 % से बढ़ाकर 50 %  कर दी गई थी. महिलाओं ने जहां इसका स्वागत किया था, वहीं फैसले के ऐलान के बाद ही कुछ युवाओं ने इसका विरोध शुरू कर दिया था.

वैकेंसी आ नहीं रही, आरक्षण से मौके और कम हो जाएंगे

फैसले के विरोध में आज जयपुर के शहीद स्मारक पर बड़ी संख्या में लड़कों ने इकठ्ठा होकर सरकार के इस फैसले का के विरोध में नारेबाजी की. युवाओं का कहना था कि पहले से ही वैकेंसी नहीं आ रही और उसके बाद आरक्षण सीमा बढ़ाने से हमारे लिए मौके बिल्कुल कम हो जाएंगे. 

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महिलाओं को आरक्षण देना लड़कों के मौके कम करेगा

बेरोजगार युवा एकीकृत महासंघ के बैनर तले जमा हुए युवाओं ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि अगर सरकार वाकई संवेदनशील है तो मंत्रीमंडल में महिलाओं को पर्याप्त हिस्सेदारी दे. प्रदेश में सिर्फ एक कैबिनेट मंत्री महिला है और सरकार महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता दिखाना चाहती है, यह सिर्फ ढोंग है. कुछ युवाओं का तर्क था कि महिलाएं भी अब हर तरह की शिक्षा हासिल कर पा रही हैं. ऐसे में उन्हें आरक्षण देना, लड़कों के लिए मौके कम करेगा. 

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