साल 2011 में जयपुर में एक राजस्थान रॉयल्स और दिल्ली कैपिटल्स (तब दिल्ली डेयरडेविल्स) के बीच आईपीएल का मुकाबला खेला गया था. 6 साल की महिका इस मैच को देखने स्टेडियम आईं थीं. इस मैच में पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी शेन वॉर्न का जादू देखने को मिला था और 6 साल की महिका इस खेल से इतना प्रभावित हुईं कि वो जब इंग्लैंड वापस गईं तो उन्होंने क्रिकेट में अपना करियर बनाने का फैसला लिया. शुरुआत में महिका अपने पिता के एक्शन को कॉपी करने की कोशिश करतीं. एक दिन महिका के पिता ने उन्हें गेंदबाजी करते हुए देखा, जिसके बाद उन्होंने अपनी बेटी के करियर को आगे बढ़ाने का फैसला लिया.
महिका गौर ने इस साल अप्रैल में कहा था, "मैं बगीचे में गेंदबाजी का अभ्यास कर रही थी. मुझे लगता है कि मेरे पिता इस बात से आश्चर्यचकित थे कि मैं चकिंग के बिना अपना हाथ पूरी तरह घुमा सकती हूं. मेरे पिता भी कॉलेज में वह बाएं हाथ के गेंदबाज थे, लेकिन उन्हें कभी क्रिकेट खेलने का मौका नहीं मिला. लेकिन जब उन्होंने देखा कि मुझमें क्षमता है, तो उन्होंने इस खेल में करियर बनाने में हमेशा मेरा साथ दिया."
महिका का जन्म इंग्लैंड के दक्षिण में बसे एक शहर रीडिंग में हुआ था. लेकिन बाद में उनका परिवार बाद में दुबई चल गया था और महिका ने सबसे पहले यूएई के लिए खेलना शुरु किया था. महिका ने आईसीसी अकादमी में दाखिला लिया. इसके कुछ दिनों बाद ही उन्हें यूएई टीम की तरफ से खेलना का मौका मिला.
महिका ने 12 साल की उम्र में इंडोनेशिया के खिलाफ मुकाबले से यूएई के लिए इंटरनेशनल डेब्यू किया था. लेफ्ट आर्म पेसर महिका गौर ने यूएई के लिए 2019-2022 के बीच 19 टी20 इंटरनेशनल मुकाबले खेले हैं, जिसमें उन्होंने 9 विकेट चटकाए. माहिका आईसीसी अंडर-19 वुमेंस टी20 विश्व कप में भी यूएई की तरफ से उतरी थीं और 79 रन बनाने के साथ 2 विकेट झटके थे.
महिका ने यूएई के लिए खेलते के बाद इंग्लैंड में क्रिकेट खेलने का फैसला लिया क्योंकि उनके पास ब्रिटिश पासपोर्ट है, ऐसे में उन्हें यहां स्थानीय क्रिकेटर खेलने में कोई परेशानी नहीं हुई. महिका ने बीत सीजन में शानदार प्रदर्शन किया था, जिसके दम पर उन्हें श्रीलंका के खिलाफ होने वाली सीरीज के लिए चुना गया.
महिका ने श्रीलंका के खिलाफ मैच से इंग्लैंड के लिए अपना डेब्यू किया. महिका 2 देशों के लिए अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच खेलने वालीं 5वीं महिला खिलाड़ी बनी हैं. बात अगर मैच की करें तो इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 186 रन बनाए थे. इसके जवाब में श्रीलंका ने 6 ओवर में 3 विकेट के नुकसान पर 55 रन बना लिए थे. लेकिन इसके बाद बारिश ने मैच में खलल डाला, जिसके चलते इंग्लैंड को डीएलएस मेथ्ड से 12 रनों से विजेता घोषित किया गया.
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