राजस्थान में पिछले कई वर्षों से परीक्षाओं में पेपर लीक और डमी कैंडिडेट के मामले सामने आते जा रहे हैं. राजस्थान पुलिस की विशेष टीम एसओजी लगातार ऐसे मामलों के खुलासे कर रही है और फर्जीवाड़े की तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है. एसओजी ने अपनी पड़ताल में एक ऐसे मामले को पकड़ा है जिससे पता चलता है कि परीक्षाओं में गड़बड़ी करना भी एक नौकरी की तरह बन गया था. इस मामले में एक ऐसा व्यक्ति पकड़ में आया है जिसका काम ही डमी कैंडिडेट बनकर दूसरे अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा देना था. इसके बदले में उसे लाखों रुपये मिले. एसओजी ने वर्ष 2020 की वनरक्षक सीधी भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े की जांच करते हुए पाया कि डालूराम मीणा नाम के एक ही उम्मीदवार ने कुल 8 परीक्षाओं में अलग-अलग अभ्यर्थियों के बदले में परीक्षा दी. एसओजी ने वनरक्षक भर्ती परीक्षा की जांच करते हुए पहले पाया कि भरतपुर जिले के भुसावर के एक अभ्यर्थी भरत मीना की जगह किसी दूसरे डमी कैंडिडेट ने परीक्षा दी थी.