सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि दिव्यांगों को सहानुभूति नहीं चाहिए, उन्हें उनके अधिकारों की रक्षा तथा समान अवसरों की ज़रूरत है. सार्वजनिक परिवहन को दिव्यांग-अनुकूल बनाने में सामने आ रही चुनौतियों को रेखांकित करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि देशभर में कुल बसों का 32 फ़ीसदी आंशिक रूपसे एक्सेसिबल हैं, और केवल 20 फ़ीसदी ही पूर्णतः एक्सेसिबल हैं. सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए बसों को नियंत्रित करने वाले कोड में संशोधन की योजना बना रही है कि देश में निर्मित सभी बसें पूरी तरह से दिव्यांगो के अनुकूल हों.