पश्चिमी राजस्थान (Rajasthan) में पानी को लेकर कई कागजी योजनाएं बनी और बन्द हो गई. बालोतरा (Balotra) और बाड़मेर (Barmer) का एकमात्र मेली बांन्ध (Meli Dam) भी सिर्फ कागजी योजनाओं तक ही सीमित होकर रह गया है. कभी आसपास के दर्जनों गांवों की प्यास बुझाने और खेती के लिए वरदान मेली बांन्ध की 16 सालों से कोई सुध नहीं लियाा. छप्पन की पहाड़ियों के तलहटी में बना मेली बांध अपनी दुर्दशा की कहानी बयां कर रहा है.