बता दें कि राजस्थान में बिजली उत्पादन के लिए कोयले की आधी आपूर्ति छत्तीसगढ़ में निगम को आवंटित खदानों से होती है, लेकिन बीते दो साल से राजस्थान को अपने संयंत्र चलाने में कोयले की कमी का सामना करना पड़ रहा है. छत्तीसगढ़ में बीजेपी की नई सरकार बनने के बाद 'हसदेव बचाओ' (Hasdeo Bachao) के नाम पर शुरू हुई राजनीति के बीच राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम (Rajasthan State Electricity Generation Corporation) के CMD आर के शर्मा छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) पहुंचे. आरके शर्मा ने छत्तीसगढ़ के आला अधिकारियों (Chhattisgarh Officials) से बात कर राजस्थान विद्युत निगम को आवंटित खदान में कोल खनन (Coal Mining) को सुचारू रूप से चालू करने की मांग की. जिस पर अधिकारियों ने सकारात्मक कदम उठाने की बात कही. आरके शर्मा ने NDTV से बात करते हुए कहा कि राजस्थान में बिजली उत्पादन के लिए कोयले की आधी आपूर्ति छत्तीसगढ़ में निगम को आवंटित खदानों से होती है, लेकिन बीते दो साल से राजस्थान को अपने संयंत्र चलाने में कोयले की कमी का सामना करना पड़ रहा है. राजस्थान सरकार के 4350 मेगावाट के तीन पावर प्लांट छपरा, कालीसिंध और सूरतगढ़ पावर प्लांट का उत्पादन छत्तीसगढ़ के कोयले पर निर्भर है.