राजस्थान के विधानसभा चुनाव की तारीख़ का ऐलान हो चुका है. 25 नवंबर को एक चरण में प्रदेश में चुनाव होंगे. कांग्रेस नेता और टोंक से विधायक सचिन पायलट ने एक बार फिर टोंक से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. पायलट लगातार चुनावी दौरे भी कर रहे हैं, लेकिन पायलट को घेरने के लिए कई पार्टियों ने टोंक सीट पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है.
पहले असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिसे इत्तिहादुल मुस्लिमीन (AIMIM ) ने अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा था. अब चंद्रशेखर रावण की पार्टी आज़ाद समाज पार्टी ने भी टोंक सीट पर अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. आज़ाद समाज पार्टी ने सचिन पायलट के सामने शोहेब खान को बनाया अपना उम्मीदवार बनाया है.
जनता ने दिए दिल खोलकर वोट
सचिन पायलट जब 2018 में टोक चुनाव लड़ने आए, उससे पहले इस सीट को कांग्रेस के खाते में अल्पसंख्यक सीट माना जाता था और 1972 से लेकर 2018 तक के 10 चुनावों में कांग्रेस ने लगातार इस सीट पर मुस्लिम लीडर को प्रत्याशी बनाया था. 2018 में इस सीट को सुरक्षित सीट मानकर सचिन पायलट चुनाव मैदान में उतरे और टोंक की जनता ने उन्हें दिल खोलकर वोट दिए. AIMIM भी मुस्लिम वोटों पर अपना भाग्य आज़माना चाहती है.
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पायलट को लेकर जनता के मन में सवाल
एक बार फिर से 2023 के चुनावों में सचिन पायलट टोंक की जनता से 2018 से बड़ी जीत के लिए वोट मांग रहे हैं. गांव-गांव ही नहीं, गली-गली जाकर लोगों से मिल रहे हैं, लोगों के साथ सेल्फी खिंचा रहे हैं, जनता के साथ जाजम पर बैठकर खाना खा रहे हैं, केंद्र और राज्य सरकार के विकास कार्यों का लोकार्पण व निरीक्षण कर रहे हैं.
फिर भी मज़बूत स्थिति में हैं पायलट
माना जा रहा है कि टोंक में इस बार स्थिति पिछले चुनाव जैसी नहीं है, पायलट के कामकाज को लेकर सवाल तो हैं, लेकिन फिर भी टोंक में ऐसा कोई विपक्षी उम्मीदवार नज़र नहीं आता जो पायलट को हरा सकता है. कहा जा रहा है कि पायलट इस बार चुनाव तो जीत लेंगे, लेकिन उनकी जीत का अंतर उतना बड़ा नहीं होगा, जितना 2018 विधानसभा चुनाव में था.
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