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This Article is From Nov 15, 2023

सुब्रत रॉय के निधन के बाद सहारा इंडिया में फंसे लोगों के पैसों का क्या होगा? पढ़ें ये विशेष रिपोर्ट

सहारा रिफंड का मामला कई सालों से चल रहा है और अभी भी यह स्पष्ट नहीं है कि निवेशकों को उनका पैसा कब मिलेगा. सेबी ने सहारा को 15% ब्याज के साथ पैसा वापस करने का आदेश दिया है, लेकिन समूह ऐसा करने में आनाकानी कर रहा है. निवेशकों को अपना पैसा वापस पाने में मदद करने के लिए एक विशेष पोर्टल लॉन्च किया गया है, लेकिन प्रक्रिया धीमी है और कई निवेशक अपना पैसा वापस नहीं ले पाए हैं.

सुब्रत रॉय के निधन के बाद सहारा इंडिया में फंसे लोगों के पैसों का क्या होगा? पढ़ें ये विशेष रिपोर्ट
सुब्रत रॉय का लंबी बीमारी से जूझने के बाद 75 साल की उम्र में मंगलवार रात मुंबई में निधन हो गया.

Subrata Roy Death: सहारा इंडिया के प्रमोटर सुब्रत रॉय का मंगलवार देर रात मुंबई में निधन हो गया. वो बीते कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. सुब्रत राय के निधन के बाद सहारा इंडिया में पैसा लगाने वाले निवेशकों को यह चिंता हो रही है अब उनके पैसों का क्या होगा? मालूम हो कि कुछ माह पहले ही गृह मंत्री अमित शाह ने एक पोर्टल लॉन्च करते हुए सहारा इंडिया में फंसे पैसों की रिकवरी का रास्ता खोला था. लेकिन यह प्रोसेस अभी कुछ ही दिन चला कि सुब्रत रॉय का निधन हो गया. अब सुब्रत रॉय के निधन के बाद निवेशकों की धनराशि का क्या होगा, आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में. 

सहारा समूह के निवेशकों को धन वापसी को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है. पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने 2011 में सहारा समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसआईआरईएल) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसएचआईसीएल) को वैकल्पिक रूप से पूर्ण परिवर्तनीय बांड (ओएफसीडी) के रूप में पहचाने जाने वाले कुछ बांडों के जरिए करीब तीन करोड़ निवेशकों से जुटाए गए धन को वापस करने का आदेश दिया था.

नियामक ने आदेश में कहा था कि दोनों कंपनियों ने उसके नियमों और विनियमों का उल्लंघन करके धन जुटाया था. लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उच्चतम न्यायालय ने 31 अगस्त 2012 को सेबी के निर्देशों को बरकरार रखा और दोनों कंपनियों को निवेशकों से एकत्र धन 15 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करने को कहा था.

इसके बाद सहारा को निवेशकों को धन लौटाने के लिए SEBI के पास अनुमानित 24,000 करोड़ रुपये जमा करने को कहा गया. हालांकि समूह लगातार यह कहता रहा कि उसने पहले ही 95 प्रतिशत से अधिक निवेशकों को प्रत्यक्ष रूप से भुगतान कर दिया है.

इस बीच, सेबी ने सहारा समूह के निवेशकों को पैसा वापस करने के लिए एक विशेष पोर्टल लॉन्च किया है. पोर्टल के माध्यम से निवेशक अपने दावे दर्ज कर सकते हैं और अपना पैसा वापस पा सकते हैं.

https://mocrefund.crcs.gov.in/Depositor/Register

इस बीच पुनर्भुगतान के लिए विशेष रूप से खोले गए बैंक खातों में जमा राशि बढ़कर 25,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है. सहारा की दो कंपनियों के अधिकतर बांडधारकों ने इसको लेकर कोई दावा नहीं किया और कुल राशि पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में करीब सात लाख रुपये बढ़ गई, जबकि सेबी-सहारा पुनर्भुगतान खातों में इस दौरान शेष राशि 1,087 करोड़ रुपये बढ़ गई.

निवेशकों को धन वापसी को लेकर चुनौतियां

सहारा समूह के निवेशकों को धन वापसी को लेकर कई चुनौतियां हैं. इनमें शामिल हैं:

* सहारा समूह के निवेशकों की संख्या बहुत अधिक है.
* कई निवेशकों का पता नहीं चल पा रहा है.
* सहारा समूह के पास पर्याप्त धन नहीं है.

भविष्य में क्या होगा?

सहारा समूह के निवेशकों को धन वापसी को लेकर भविष्य में क्या होगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है. हालांकि, यह संभावना है कि यह मामला लंबे समय तक चलेगा.

क्या सुब्रत रॉय के निधन से स्थिति बदलेगी?

सुब्रत रॉय के निधन से सहारा समूह के निवेशकों को पैसा वापस मिलने का मामला और जटिल हो सकता है. यह देखना बाकी है कि सहारा समूह के निवेशकों को उनका पैसा कब वापस मिलेगा.

यह भी पढ़ें - सुब्रत रॉय के निधन के बाद SEBI के पास पड़ी 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की अवितरित धनराशि पर चर्चा शुरू

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