बूंदी में बजरी माफियाओं के ठिकानों पर CBI की छापेमारी, घर-घर जाकर रिकॉर्ड किए जा रहे बयान

राजस्थान के बूंदी जिले में 2023 में एक ट्रक चालक को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जहां से इस मामले की जांच आगे बढ़ी और राजस्थान हाईकोर्ट ने इसे गंभीर मामला मानते हुए सीबीआई को जांच सौंपी थी.

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बूंदी में घर-घर जाकर पूछताछ कर रही सीबीआई की टीम.

CBI Action On Gravel Mafia News: राजस्थान के बूंदी में बजरी माफिया के खिलाफ सीबीआई (CBI) की कार्रवाई जारी है. जिले में सीबीआई की टीम माफियाओं के ठिकानों और नाकों पर लगातार छानबीन कर रही है. पुलिस ने 2 साल पहले जिले के एक व्यक्ति को अवैध बजरी के मामले में पकड़ा था. कोर्ट ने कुछ समय बाद इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी. वहीं इसी मामले को लेकर अब सीबीआई तालाब गांव पहुंची और बजरी कारोबार से जुड़े लोगों और ट्रक ड्राइवरों के घर-घर जाकर बयान ले रही है.

इसके बाद टीम सर्किट हाउस पहुंची और वहां भी अलग-अलग लोगों के बयान लेने का सिलसिला जारी रहा. इस दौरान टीम के साथ सदर थाना पुलिस और खनन विभाग से जुड़े अधिकारी मौजूद रहे. 

सीबीआई घर-घर जाकर कर रही पूछताछ

जानकारी के अनुसार, बूंदी के तालाब गांव निवासी जब्बार नामक ट्रक चालक को बजरी के मामले में बूंदी पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जिसको राजस्थान हाईकोर्ट ने गंभीर मामला मानते हुए पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी. जिसके बाद 27 अप्रैल को पहली बार सीबीआई ने इस पूरे मामले में एंट्री मारी और जांच शुरू की. उसके बाद से ही सीबीआई की टीम बूंदी, भीलवाड़ा, टोंक ,देवली सहित विभिन्न इलाकों में बजरी से जुड़े कारोबारी और माफिया का रिकॉर्ड खंगालने में जुटी हुई है. 

2023 में दर्ज हुआ था मामला  

वर्ष 2023 अक्टूबर में सदर थाना पुलिस ने रामगंज बालाजी फोरलेन पर नाकाबंदी के दौरान एक बजरी से भरा हुआ ट्रक रुकवाया था, जिसको दस्तावेज पूरे नहीं होने की वजह से जब्त कर लिया गया था. इसके बाद पुलिस ने मोटर व्हीकल एक्ट और एमआरडी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था.
 

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मामला दर्ज करने के साथ ही बूंदी जिला कोर्ट में पुलिस ने गिरफ्तार किए ट्रक चालक को कोर्ट में पेश किया तो कोर्ट ने बजरी परिवहन के मामले में कड़ी टिप्पणी करते हुए उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी.

इसके साथ ही जिला जज ने राजस्थान सरकार और खनन विभाग के प्रमुख शासन सचिव को मामले में सख्त कार्रवाई करने और परिवहन पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे. जमानत याचिका खारिज होने के बाद बजरी माफिया ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी. जहां पर पूरे मामले को हाई कोर्ट ने गंभीर माना और मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के निर्देश दिए थे. 

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