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Yes Bank: यस बैंक के कर्मचार‍ियों ने की 12 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी, बांसवाड़ा के मास्टरमाइंड ने रची साजिश

Cyber Fraud: देशभर में ऐसे 44 मामले सामने आए. ठगी के मामले में 11 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हो चुका है.

Yes Bank: यस बैंक के कर्मचार‍ियों ने की 12 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी, बांसवाड़ा के मास्टरमाइंड ने रची साजिश
साइबर ठगी के मामले में गिरफ्तार 2 आरोपी

Banswara Yes Bank Scam: यस बैंक के डिप्टी बैंक मैनेजर और पूर्व बैंक कर्मचारी ने देशभर में साइबर ठगी की बड़ी वारदात को अंजाम दिया है. इन आरोपियों ने साइबर फ्रॉड के जरिए 12 करोड़ 8 लाख की धोखाधड़ी कर ली. इस पूरे मामले के तार राजस्थान के बांसवाड़ा जिले से जुड़े हैं. इन लोगों ने कई राज्यों के लोगों को शिकार बनाया और साइबर ठगी को अंजाम दिया है. इन आरोपियों ने लोगों को अलग-अलग मामलों में फंसाने की धमकी के साथ ही गिरफ्तारी का डर भी दिखाया. फिर दबाव डालकर उनसे अवैध वसूली कर ली और इस भारी-भरकम रकम को दूसरे लोगों के बैंक खातों में ट्रांसफर करवा दिया. मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने यस बैंक बांसवाड़ा के डिप्टी मैनेजर मेगनेश जैन (28) और पूर्व बैंक कर्मचारी दिव्यांशु सिंह (30) को गिरफ्तार किया है. जबकि मास्टरमाइंड अमन कलाल अब तक फरार है. 

देशभर में दर्ज हुए 44 मामले 

इस संबंध में 11 आरोपियों के खिलाफ देशभर में कुल 44 शिकायतें दर्ज हुई. बांसवाड़ा जिले की कोतवाली पुलिस ने 15 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद पूरे मामले का खुलासा किया. सायबर ठगी की अब तक की सबसे बड़ी वारदात की पड़ताल के लिए सीआई देवीलाल मिणा ने 12 लोगों की टीम के साथ मिलकर जांच शुरू की. पुलिस के मुताबिक, मुख्य आरोपी अमन कलाल ने यस बैंक के उप शाखा प्रबंधक मेगनेश जैन और पूर्व शाखा प्रबंधक दिव्याशु सिंह के साथ मिलकर इस पूरी साजिश को अंजाम दिया. 

डरा-धमकाकर पीड़ितों से वसूली और फिर अन्य खातों में रकम ट्रांसफर 

दरअसल, आरोपियों ने डरा-धमकाकर पीड़ितों से वसूली की और फिर अन्य लोगों के बैंक खातों में रुपए डलवाए. उन्ही बैंक से खाता धारकों के नाम जारी चेक पर फर्जी हस्ताक्षर किए. इसके बाद बैंक कार्मिक की मिलीभगत से करोड़ों रूपए केश में निकाल लिए. आरोपी जब देशभर में ठगी का जाल बिछा रहे थे, तभी बांसवाड़ा में एक मामला थाने में पहुंच गया.

फिर ऐसे खुल गया पूरा घोटाला

जिले के डडूका निवासी संदेश शाह और उसके भाई तनेश शाह ने साइबर थाने में शिकायत दी. इसके बाद ही पुलिस को ठगी के इस जाल की सूचना मिली. परिवादी ने बताया कि आमजा निवासी दिव्यांशुसिंह ने यस बैंक में कार्यरत होने के दौरान दोस्ती का हवाला दिया. फिर दोनो भाईयों से 1-1 बैंक खाते खुलवाए.

बैंक खाता बंद करने के नाम पर दिव्यांशु ने ले लिए एटीएम और चेक बुक

इन दोनों खाताधारकों के पास पहले से गढ़ी-परतापुर में बैंक खाते थे. ऐसे में बांसवाड़ा जिले में खुलवाए गए यस बैंक वाले खाते में इनका अधिक लेन-देन नहीं हो रहा था. इसके बाद दोनों भाईयों ने दिव्यांशुसिंह को संपर्क किया और बैंक खाते बंद करवाने की बात कही.

दिव्यांशुसिंह दोनों भाईयों के परतापुर स्थित प्रतिष्ठान पर पहुंचा और खाता बन्द करवाने के बहाने उसने उन बैंक खातों की चेक बुक और एटीएम प्राप्त ले लिए. लेकिन यही से पूरा खेल शुरू हुआ और दिव्यांशु ने खाता बंद करने की बजाय इन चेक बुक का इस्तेमाल किया. इसी के जरिए लाखों रूपए खातों से निकाल लिए.

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