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This Article is From May 16, 2024

Salman Khan Firing Case:लॉरेंस बिश्नोई का फैन पेज देखकर गैंगस्टर बना था चौधरी, हरियाणा से गिरफ्तार हरपाल ने की थी मदद

हरपाल ने बताया कि 2018 में चौधरी से उसकी जान- पहचान फेसबुक पर हुई थी.वहां से दोनों दोस्त बनें.

Salman Khan Firing Case:लॉरेंस बिश्नोई का फैन पेज देखकर गैंगस्टर बना था चौधरी, हरियाणा से गिरफ्तार हरपाल ने की थी मदद

Salman Khan Firing Case: सलमान खान के घर के बाहर शूटआउट मामले में मुंबई पुलिस ने अब तक छ: लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें रेकी करने वाला मोहम्मद रफीक चौधरी और रेकी करवाने वाला हरपाल सिंह भी शामिल हैं. चौधरी को राजस्थान से पिछले हफ्ते पकड़ा गया था, जबकि हरपाल को तीन दिन पहले हरियाणा से अरेस्ट किया गया.

हरपाल ने पूछताछ में बताया कि उसके साथ पकड़े आरोपी मोहम्मद रफीक चौधरी से उसकी जान - पहचान 2018 में फेसबुक पर हुई थी. वहां से ये दोनों दोस्त बनें. और उसने रफीक चौधरी की लॉरेंस बिश्नोई गिरोह में शामिल होने में मदद की थी. साथ ही शूटआउट में शामिल दो और शूटरों को पैसे भी दिए थे. 

ऐसे पकड़ा गया हरपाल चौधरी 

पुलिस के मुताबिक, हरपाल इस मामले की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी था क्योंकि वह सीधे लॉरेंस बिश्नोई के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई और एक अन्य गिरोह के मुखिया रोहित गोदारा के संपर्क में भी था. साथ ही इस मामले को अंजाम देने में उसकी मुख्य भूमिका भी थी. बता दें कि सोमवार शाम 13 मई को मुंबई की क्राइम ब्रांच की एक टीम ने हरपाल को हरियाणा के फतेहाबाद से पकड़ा था. गौरतलब है कि हरपाल  इस मामले में गिरफ्तार होने वाला छठा आरोपी है. जो लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का सदस्य है.

मामले की जांच कर रहे अधिकारी ने आगे बताया कि, आरोपी हरपाल ने चौधरी को एक व्हाट्सएप ग्रुप में भी जोड़ा था, जिसमें गिरोह के अन्य सदस्य शामिल थे. आरोपी हरपाल पहले से ही दो मामलों में जेल की हवा खाकर बाहर निकला था. जिसमें 2022 में गिरोह के कुछ सदस्यों के बीच आपसी अनबन के कारण वह 6 महीने की सजा काट चुका था और दूसरा पिछले साल छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में गोलीबारी का था, जिसमें 11 महीने जेल में बिताए थे. वहीं जेल से बाहर आने के बाद, हरपाल सिंह ने सलमान खान के घर के बाहर गोलीबारी करने की योजना में चौधरी को शामिल किया था. 

चौधरी को था पकड़े जाने का डर

आरोपी हरपाल ने पूछताछ में आगे बताया कि योजना में शामिल होने के बाद चौधरी को पकड़े जाने का बेहद डर सता रहा था. जिसपर उसने चोधरी को समझाया था कि अगर वे पकड़े भी जाते हैं तो तीन महीने के अंदर जमानत पर बाहर आ जाएंगे. लेकिन हरपाल को मकोका के कड़े प्रावधानों का पता नहीं था. जिस के लगने पर किसी भी आरोपी के लिए जमानत मिलना मुश्किल हो जाता है.  पुलिस ने भी पकड़े गए 6 अपराधियों पर इस मामले में मकोका लगाया है.अधिकारी ने कहा, चौधरी, जो वर्षों तक मुंबई में रहे थे, शहर पुलिस की कार्यशैली से अवगत थे और उन्होंने सिंह से कहा था कि अगर वह पकड़े गए तो वह उनका नाम ले लेंगे.

वहीं पहले से पकड़े गए दो शूटर्स को लेकर हरपाल सिंह ने बताया , शूटर सागर पाल और विक्की गुप्ता बिहार के रहने वाले  है . दोनों को इस काम के लिए रफीक खान चौधरी ने  2 लाख से 3 लाख रुपये दिए थे. फिलहाल अब  पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि सिंह को यह पैसा किसने मुहैया कराया था.

योजना में क्या थी हरपाल की  भूमिका

हरपाल ने बताया कि उसने रफीक चौधरी को खान के आवास की रेकी करने,  शूटर पाल और गुप्ता को फाइनेंशियल मदद करने की जिम्मेदारी दी गई थी. अधिकारी ने कहा कि राजस्थान में नागौर जिले के एक गांव से गिरफ्तार चौधरी, अनमोल बिश्नोई और रोहित गोदारा के साथ सिग्नल और अन्य कॉलिंग ऐप पर नियमित रूप से बात करता था. उन्होंने शूटआउट करने से पहले  निशानेबाजों से कहा था कि अनमोल बिश्नोई ने उन्हें उनसे भी बड़ा काम सौंपा है.बता दें कि फायरिंग की घटना के बाद मुंबई क्राइम ब्रांच ने पहले शूटर्स और फिर हथियार सप्लायर्स को गिरफ्तार किया.

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