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Sushant Singh Rajput Death Anniversary: 'जन्म कब लेना है और मरना कब है'.....सुशांत सिंह राजपूत के वो डायलॉग्स जिन्हें सुनते ही नम हो जाती हैं आंखें

Sushant Singh Rajput Death Anniversary: सुशांत ने अपने 7 साल में बॉलीवुड की 12 फिल्मों में बेहतरीन आदाकारी की है. 'काय पो छे' से लेकर 'दिल बेचारा' तक उनकी फिल्मों के कई ऐसे डायलॉग्स हैं जो उनके फैंस को जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं साथ ही उन डायलॉग्स को सुनते समय आंखे भी नम हो जाती हैं.

Sushant Singh Rajput Death Anniversary: 'जन्म कब लेना है और मरना कब है'.....सुशांत सिंह राजपूत के वो डायलॉग्स जिन्हें सुनते ही नम हो जाती हैं आंखें

Sushant Singh Rajput Death Anniversary: चार साल पहले हिंदी सिनेमा के आसमान से एक ऐसा सितारा टूटकर बादलों की गोद में गायब हो गया, जिसने बड़ी शिद्दत के साथ महज सात सालों में बॉलीवुड में रंक से अर्श तक का सफर तय किया था. साल 2008 में स्टार प्लस पर नजर आने वाले सुशांत सिंह राजपूत ने छोटे पर्दे पर 'किस देश में है मेरा दिल' जैसे चुलबुले किरदार से अपने करियर की शुरुआत की थी. उसके बाद उन्होंने जी टीवी पर पवित्र रिश्ता के मानव से घर-घर में अपनी पहचान बनाई. उनके मासूम चेहरे को जो भी देखता बस उन्हें देखता ही रह जाता. टीवी में अपना मुकाम हासिल करने के बाद सुशांत ने साल 2013 में बड़े पर्दे का रुख किया और सात साल के छोटे से सफर में धीरे-धीरे शोहरत हासिल की. ​​लेकिन 14 जून 2020 को उनके करोड़ों फैंस उस वक्त सदमे में आ गए, जब अचानक उनके घर में उनकी लाश मिली. क्योंकि बॉलीवुड का वो नायाब हीरा, जिसने बेहद कम समय में लोगों के दिलों में इतनी खास जगह बनाई, दुनिया को छोड़कर जा चुका था. सुशांत सिंह राजपूत के जाने का दर्द आज भी उनके परिवार और उनके फैंस में है.

सुशांत ने अपने 7 साल में बॉलीवुड की 12 फिल्मों में बेहतरीन आदाकारी की है.  'काय पो छे' से लेकर 'दिल बेचारा' तक उनकी फिल्मों के कई ऐसे डायलॉग्स हैं जो उनके फैंस को जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं साथ ही उन डायलॉग्स को सुनते समय आंखे भी नम हो जाती हैं..

 जो लोग सुसाइड की तरफ बढ़ते हैं उन्हें मोटिवेट करने का मंत्रा सुशांत ने 2019 की 'छिछोरे'  में दिया था. सच्चे दोस्त वो होते है जो अच्छे वक़्त में आपकी बजाते है और जब मुश्किल वक़्त आता है तो वही छिछोरे आपके दरवाज़े पर खड़े नज़र आते हैं.

'दिल बेचारा'- हीरो बनने के लिए पॉपुलर नहीं बनना पड़ता , वो रियल लाइफ में भी होते हैं.

'एम एस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी' - 'तुम्हारा रिजल्ट डिसाइड नहीं करता है कि तुम लूजर हो कि नहीं, तुम्हारी कोशिश डिसाइड करती है.'

'दिल बेचारा' - 'जन्म कब लेना है और मरना कब है ये हम डिसाइड नहीं कर सकते लेकिन कैसे जीना है वो हम डिसाइड कर सकते हैं.

'दिल बेचारा' -मैं एक फाइटर हूं और मैं बहुत बढ़िया तरीके से लड़ा

'छिछोरे' - 'सक्सेस के बाद का प्लान सबके पास है लेकिन अगर गलती से फेल हो गए तो फेलियर से कैसे डील करना है इसकी कोई बात ही नहीं करना चाहता'.

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