
Jharkhand News: हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के दो दिन बाद शुक्रवार को 'झारखंड के टाइगर' के नाम से मशहूर चंपई सोरेन ने नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली. उनके साथ दो नेताओं, कांग्रेस के आलमगीर आलम और सत्यानंत भोक्ता ने भी कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली. हेमंत और चंपन सोरेन के बीच कोई पारिवारिक रिश्ता तो नहीं है, मगर दोनों नेताओं को एक दूसरे के काफी करीब माना जाता है. इसी के चलते झामुमो विधायक दल के नेता चंपई आज झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री बन गए.
#WATCH | JMM vice president Champai Soren takes oath as the Chief Minister of Jharkhand, at the Raj Bhavan in Ranchi.
— ANI (@ANI) February 2, 2024
This comes two days after Hemant Soren's resignation as the CM and his arrest by the ED. pic.twitter.com/WEECELBegr
चंपई सोरेन को राज्यपाल ने गुरुवार को मुख्यमंत्री नियुक्त किया था. उससे पहले चंपई सोरेन ने राज्यपाल से जल्द से जल्द सरकार बनाने के उनके दावे को स्वीकार करने का आग्रह किया था, क्योंकि राज्य में 'भ्रम' की स्थिति बनी हुई थी और प्रदेश में कोई मुख्यमंत्री नहीं था. यह स्थिति बुधवार को हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद से राज्य में मुख्यमंत्री न होने की वजह से थी और इसके कारण राजनीतिक संकट गहरा गया था. प्रदेश कांग्रेस प्रमुख राजेश ठाकुर ने कहा कि चंपई सोरेन को अपनी सरकार का बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है. कांग्रेस राज्य में झामुमो-नीत गठबंधन की सहयोगी पार्टी है. इससे पहले चंपई सोरेन ने कहा था, 'हम एकजुट हैं. हमारा गठबंधन मजबूत है, इसे कोई तोड़ नहीं सकता.'
#WATCH | Congress' Alamgir Alam takes oath as a minister in the Jharkhand cabinet, at the Raj Bhavan in Ranchi. pic.twitter.com/CUZLKEkMDy
— ANI (@ANI) February 2, 2024
आदिवासी नेता चंपई सोरेन (67) राज्य के 12वें मुख्यमंत्री हैं. वह झारखंड के कोल्हान क्षेत्र से 6 मुख्यमंत्री हैं. कोल्हान क्षेत्र में पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिले हैं. झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा में गठबंधन के पास 47 विधायक हैं. इनमें झामुमो के 29, कांग्रेस के 17 और राजद के 1 सदस्य शामिल हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 26 और आजसू पार्टी के तीन विधायक हैं. इसके अलावा दो सदस्य निर्दलीय हैं और राकांपा तथा भाकपा (माले) के एक-एक विधायक हैं. सूत्रों ने बताया कि झामुमो नीत गठबंधन के विधायकों को भाजपा की ओर से खरीद-फरोख्त के किसी संभावित प्रयास से बचाने के लिए हैदराबाद ले जाया जा सकता है. हैदराबाद तेलंगाना की राजधानी है जहां कांग्रेस पार्टी का शासन है.