Laurene Powell Jobs: आस्था और संस्कृति के संगम महाकुंभ 2025 में दुनियाभर से श्रद्धालुओं का जुटना शुरू हो गया है. 11 जनवरी से शुरू हुए इस ऐतिहासिक धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन में दुनियाभर से पर्यटकों का पहुंचना जारी है. इसी कड़ी में आज यानी 12 जनवरी को अमेरिकी अरबपति कारोबारी और एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स (Laurene Powell Jobs) वाराणसी पहुंची. कल (13 जनवरी) प्रयागराज (Prayagraj) पहुंचेंगी. वहां 10 दिनों तक कल्पवास करेंगी. स्वामी कैलाशानंद जी महाराज के शिविर में रहेंगी. सनातन संंस्कृति को समझेंगी.
VIDEO | Late Apple co-founder Steve Jobs' wife Laurene Powell Jobs visits Shri Kashi Vishwanath Temple in Varanasi, Uttar Pradesh.
— Press Trust of India (@PTI_News) January 12, 2025
(Source: Third party)
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10 दिनों महाकुंभ में रुकेंगी
लॉरेन 13 जनवरी को महाकुंभ में शामिल होकर कल्पवास करेंगी. महाकुंभ में वह श्रीनिरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के शिविर में 10 दिन तक कमला बन कर रहेंगी. सनातन से प्रभावित पॉवेल शिविर में योग, ध्यान और आध्यात्मिक चर्चा में हिस्सा लेंगी. इससे पहले वह शनिवार को काशी पहुंचीं और बाबा दरबार जागर दिव्य, भव्य परिसर का दर्शन किया. फिर गर्भगृह के बाहर से ही बाबा को नमन किया. कयास लगाए जा रहे हैं कि शाम को वह गंगा में नौका विहार और दशाश्वमेध घाट की प्रसिद्ध गंगा आरती में शामिल हो सकती हैं.
भारत से बहुत पुराना है नाता
लॉरेन का महाकुंभ में शामिल होना भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म में उनकी रुचि को दर्शाता है. स्टीव जॉब्स भी एप्पल की स्थापना से पहले 1970 के दशक में अपने मित्र रॉबर्ट फ्रीडलैंड की सलाह पर भारत आए थे. यहां आने के बाद वे नीम करोली बाबा के भक्त बन गए, जिन्हें भगवान हनुमान का अवतार माना जाता है. यही वो पड़ाव था, जहां से स्टीव जॉब्स को एप्पल कंपनी की स्थापना का विचार आया. लॉरेन महाकुंभ में संगम में डुबकी लगाएंगी और कल्पवास करते हुए साधु-संतों की संगत में सनातन धर्म, आध्यात्म और भारतीय संस्कृति के बारे में जानेंगी.