Rajasthan News: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) ने बुधवार देर शाम दिल्ली (Delhi) में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) से मुलाकात की है. इस दौरान की कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं जो इस वक्त सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. इन तस्वीरों में वसुंधरा राजे मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम को गुलदस्ता देती हुईं और उनसे बातचीत करती हुई नजर आ रही हैं. दोनों नेताओं की इस मुलाकात को लेकर इस वक्त कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं, और राजनैतिक पंडित इसके कई सियासी मायने भी निकाल रहे हैं.
सियासी भूमिका तलाश रहीं राजे?
राजस्थान के सियासी गलियारों में जारी यह चर्चा सबसे ज्यादा जोर पकड़ रही है कि वसुंधरा राजे अब अपनी और अपने पुत्र की सियासी भूमिका तलाश करने में जुट गई हैं. इसी कारण लोकसभा चुनाव के प्रचार में नजर ना आने वाली राजे अचानक कैबिनेट मंत्रियों की शपथ के बाद दिल्ली पहुंच गईं हैं और वहां अपने पुराने रिश्तों को खंगालने में जुटी हैं. शिवराज सिंह चौहान से उनकी पुरानी मित्रता है. वे समकालीन मुख्यमंत्री रहे हैं. ऐसे में राजे का दिल्ली पहुंचकी उनसे मुलाकात करना कई तरह के सियासी संकेत दे रहा है.
आज नई दिल्ली में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री @ChouhanShivraj जी से शिष्टाचार भेंट कर उन्हें बधाई दी। इस अवसर पर विभिन्न संबंधित विषयों पर चर्चा हुई। pic.twitter.com/7Ju0mvv4Av
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) June 12, 2024
दुष्यंत को मंत्री न बनाने पर सवाल
राजे के सांसद बेटे दुष्यंत को मंत्री नहीं बनाने को लेकर भी इस वक्त राजस्थान की सियासत में कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं. राजस्थान में कांग्रेस के नेता भी इस पर सवाल खड़ चुके हैं. बीते दिनों भाजपा से कांग्रेस में आए चूरू के सांसद राहुल कस्वां ने कहा था कि पांच बार चुनाव जीतने वाले दुष्यंत सिंह को मंत्री नहीं बनाना कई सवाल खड़े कर रहा है. अगर पांच बार का जीता हुआ मंत्री नहीं बनेगा और पहली बार जीता हुआ मंत्री बनेगा, तो फिर भाजपा में मंत्री बनने का क्राइटेरिया क्या है?
शिवराज को कैबिनेट में मिली जगह
आपको बताते चलें कि पिछले साल मध्य प्रदेश और राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचंड जीत मिलने के बाद भी शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे को दोबारा मुख्यमंत्री पद देने से साफ इनकार कर दिया था. इसके बाद से ही दोनों नेता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से नाराज बताए जा रहे थे. हालांकि बाद में शिवराज सिंह चौहान को लोकसभा का टिकट देकर चुनावी मैदान में उतार दिया गया, जिसमें उन्हें रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल हुई. अब वो मोदी 3.0 कैबिनेट का हिस्सा हैं. मगर वसुंधरा राजे को कोई दायित्व नहीं मिला. साथ ही उनके बेटे को 5 बाद लगातार सांसद बनने के बाद भी मंत्री पद नहीं मिल सका. ऐसे में वसुंधरा राजे का दिल्ली दौरा कई मायनों में ध्यान खींचने वाला है.
सीएम की समीक्षा रिपोर्ट में चर्चा
10 साल बाद राजस्थान की 11 लोकसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को हार मिलने के बाद सीएम भजन लाल शर्मा ने एक समीक्षा रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें हार के कारणों का जिक्र था. यह रिपोर्ट सीएम ने दिल्ली जाकर जेपी नड्डा को सौंपी थी. सूत्रों की मानें तो इस रिपोर्ट में सीएम ने 11 सीटों पर हार का सबसे बड़ा कारण बड़े नेताओं की निष्क्रियता और राजस्थान में संगठन का कमजोर होना बताया है. इसी कारण भाजपा के मत प्रतिशत में 9.83 की गिरावट दर्ज हुई है, जो 11 सीटों पर हार की बड़ी वजह बनी है.
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