Lok Sabha Session 2024: राजस्थान की कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर सांसद बने ओम बिरला (Om Birla) को लगातार दूसरी बार एनडीए (NDA) ने अपना स्पीकर उम्मीदवार बनाया है. मंगलवार को पीएम मोदी से मुलाकात कर उन्होंने नामांकन भी दाखिल कर दिया है. मगर इंडिया गठबंधन ने बिरला के सामने के.सुरेश को अपना प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतार दिया है. ऐसे में आज सुबह 11 बजे संसद में वोटिंग के जरिए लोकसभा अध्यक्ष को चुना जाना है. सदन में संख्याबल के अनुसार, बिरला का जीतना तय माना जा रहा है. अगर आज बिरला लोकसभा अध्यक्ष चुने जाते हैं तो 5वीं बार ऐसा होगा कि कोई अध्यक्ष एक लोकसभा से अधिक कार्यकाल तक इस पद पर आसीन रहेगा. आइए जानते हैं कि स्पीकर के तौर पर आखिर मोदी की पहली पसंद ओम बिरला क्यों हैं?
ओम बिरला प्रोफाइल
जन्म: 23 नवम्बर 1962
शिक्षा: एम.कॉम.
पिता: श्रीकृष्ण बिरला (दिवंगत)
माता: शकुंतला देवी (दिवंगत)
पत्नी: डा. अमिता बिरला(एम.डी.-स्त्री रोग विशेषज्ञ)
पुत्री: आकांक्षा बिरला (चार्टर्ड एकाउंटेंट)
अंजलि बिरला (IRPS-भारतीय रेल)
भाई-बहन: छह भाई-तीन बहिन
(ओम बिरला पांचवी संतान)
ओम बिरला का राजनीतिक जीवन
- जिला अध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा, कोटा (1987-91)
- प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा, राजस्थान राज्य (1991-1997)
- राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा (1997-2003)
- कोटा विधानसभा सीट से विधायक 2003 (पहले ही चुनाव में कद्दावर कांग्रेसी मंत्री शांति धारीवाल को 10101 वोट से हराया)
- कोटा दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक 2008 (कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कद्दावर मंत्री राम किशन वर्मा को 24252 वोट से हराया)
- कोटा दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक 2013 (कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पीसीसी महासचिव पंकज मेहता को 49439 वोट से हराया)
- कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से सांसद 2014 (2009 से 2014 तक कांग्रेस पार्टी से सांसद इज्यराज सिंह को वोट 2 लाख 782 वोट से हराया )
- कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से सांसद 2019 (वरिष्ठ कांग्रेस नेता तथा विधायक रामनारायण मीणा को 2 लाख 79 हजार वोट से हराया)
- कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से सांसद 2024 (भाजपा से बागी होकर कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल को 42 हजार वोट से हराया)
- कोटा के इतिहास में वैद्य दाऊदयाल जोशी के बाद लगातार तीन विधान सभा और तीन लोक सभा चुनाव जीतने वाले पहले जनप्रतिनिधि
लोकसभा अध्यक्ष के रूप में ओम बिरला की उपलब्धियां
19 जून 2019 को सर्वसम्मति से पहली बार 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष निर्वाचित हुए.
- संसद के नए भवन का निर्माण हुआ.
- 17वीं लोक सभा की उत्पादकता 97% रही जो पिछले 25 वर्षों में सर्वाधिक है.
- संसद के संचालन में वित्तीय अनुशासन को प्रोत्साहित कर 801 करोड़ की बचत की गई.
- 17वीं लोक सभा के दौरान 222 विधेयक कानून बनें जो पिछली तीन लोक सभा में सर्वाधिक है.
- 17वीं लोक सभा के दौरान विधेयकों पर कुल 440.54 घंटे चर्चा हुई जो पिछली चार लोक सभा में सर्वाधिक है.
- ज्ञान के समृद्ध कोष संसद की लाइब्रेरी को दिनांक 17 अगस्त 2022 से आमजन के लिए खोल दिया गया.
• पहले सत्र के दौरान 18 जुलाई 2019 को शून्य काल के दौरान सदस्यों को 161 विषय उठाने का अवसर दिया गया जो लोक सभा के इतिहास में किसी एक दिन का रिकॉर्ड है.
• शून्य काल में उठाए गए विषयों पर भी माननीय सांसदों को उत्तर दिलवाने की व्यवस्था प्रारंभ की गई.
• सांसदों द्वारा नियम 377 के तहत उठाए गए विषयों के उत्तर मंत्रालयों द्वारा निर्धारित 30 दिन में देने पर कड़ाई से अमल करवाया गया. इस कारण 17वीं लोक सभा के दौरान लगभग 95 प्रतिशत विषयों पर सांसदों को प्रतिउत्तर प्राप्त हुए.
• सांसदों को सदन में की गई अभिव्यक्ति का वीडियो क्लिप तत्काल उपलब्ध करवाने की व्यवस्था प्रारंभ की गई.
• संसद में 1854 से 2024 तक हुई चर्चाओं का डिजिटलाइजेशन कर उन्हें ऑनलाइन उपलब्ध करवा दिया गया है.
• ओम बिरला की पहल पर संसद में मिलने वाले भोजन की सब्सिडि समाप्त की गई.
ओम बिरला द्वारा संसद में पारित महत्वपूर्ण कानून
1. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019 (धारा 370)
2. नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 (सी.ए.ए.)
3. मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2019 (ट्रिपल तलाक)
4. चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, 2021
5. भारतीय न्याय संहिता 2023
6. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023
7. भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023
8. डिजिटल वैयक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक, 2023
9. नारी शक्ति वंदन विधेयक 2023 महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण
- लोक सभा अध्यक्ष के रूप में ओम बिरला ने अन्तरराष्ट्रीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने में अहम भूमिका निभाई.
- आईपीयू, कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन और इन जैसे अनेक महत्वपूर्ण मंचों पर ओम बिरला ने भारत की वसुधैव कुटुम्बकम की गौरवशाली संस्कृति का मान बढ़ाया.
- विगत पांच वर्षों में ओम बिरला ने मालदीव, युगांडा, सर्बिया, जापान, कनाडा, ऑस्ट्रिया, इटली, वियतनाम, कम्बोडिया, सिंगापुर, मैक्सिको, सूरिनाम, इण्डोनेशिया, केन्या, तंजानिया, मंगोलिया, संयुक्त अरब अमिरात और बहरीन की यात्रा.
- इसके अतिरिक्त उन्होंने अर्मेनिया, दक्षिण अफ्रीका, यूरोपियन संसद, फ्रांस मैक्सिको, डेनमार्क, जर्मनी, कनाडा, वियतनाम, दक्षिण सूडान, इजराइल, भूटान, जाम्बिया, नेपाल, सूरिनाम से आए संसदीय शिष्टमंडलों की मेजबानी की.
सामाजिक कार्य
1. सुपोषित मां अभियान: संसदीय क्षेत्र कोटा-बूंदी के वंचित परिवारों की 8500 से अधिक गर्भवती महिलाओं में पोषण की कमी दूर करने के लिए उन्हें प्रसव होने तक प्रतिमाह पोषण किट दी गई. इस अभियान की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहना की.
2. दिव्यांगजनों को संबल: दिव्यांगजन और वरिष्ठजन अपनी क्षमता और सामर्थ्य के अनुरूप देश के प्रति योगदान दे सकें, इसके लिए ओम बिरला ने संसदीय क्षेत्र कोटा में विभिन्न सरकारी योजनाओं और जनसहयोग से करीब 3900 दिव्यांग और वरिष्ठजनों को करीब 6 करोड़ रूपए के सहायक उपकरण भेंट किए.
3. हॉस्पिटल ऑन व्हील्स: संसदीय क्षेत्र कोटा-बूंदी के दूरस्थ गांवों तक विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए हॉस्पिटल ऑन व्हील्स सेवा का संचालन किया गया. इस सेवा के तहत कोटा-बूंदी के 1497 गांवों में जाकर इस सेवा के माध्यम से 1 लाख से अधिक लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई. 600 से अधिक गंभीर रोगियों को एम्स नई दिल्ली सहित अन्य बड़े अस्पतालों में उपचार करवाया गया.
4. शीतल छांव: सड़क किनारे बैठ कर काम करने वाले व्यक्तियों को 'श्रमवीरों' की संज्ञा देकर उनको बड़े छातों का वितरण किया गया ताकि वे सर्दी, गर्मी, बरसात हर मौसम में अपना कार्य सुचारू रूप से कर आजीविका कमा सकें.
5. चप्पल वितरण: गर्मी के मौसम में सड़क पर नंगे पैर चलने वाले लोगों के लिए ओम बिरला ने चप्पल वितरण अभियान विगत एक दशक से भी अधिक समय से संचालित कर रखा है.
6. कम्बल निधि: कोटा-बूंदी के सभी राजकीय चिकित्सालयों में उपचार के लिए आने वाले मरीजों के तीमसारदार सर्दी के मौसम में परेशान नहीं हो इसके लिए ओम बिरला की पहल पर हर वर्ष कम्बल निधि का संचालन किया जाता है. कम्बल निधि के माध्यम से कम्बल और गर्म बिस्तर निशुल्क उपलब्ध करवाया जाता है. यह प्रकल्प 2007 से निरंतर संचालित किया जा रहा है.
7. स्वेटर वितरण: कोटा-बूंदी के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित राजकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे सर्दी के मौसम में परेशान नहीं हों, इसके लिए उन्हें स्वेटर भेंट किए जा रहे हैं. अब तक 60 हजार से अधिक बच्चों को स्वेटर भेंट किए जा चुके हैं.
8. पौधारोपण: कोटा-बूंदी क्षेत्र को हराभरा रखने के लिए ओम बिरला की पहल पर प्रति वर्ष पौधारोपण अभियान का आयोजन किया जाता है. इस अभियान को नया स्वरूप देने के लिए विगत 3 वर्षों से फलदार पौधों का वितरण किया जा रहा है.
9. परिधान उपहार केंद्र: वंचित वर्ग के लोगों के तन ढकने के लिए करीब दो दशक से भी अधिक समय से निशुल्क परिधान उपहार केंद्र संचालित है. प्रबुद्ध वर्ग यहां जो अनुपयोगी कपड़े भेंट कर जाते हैं, उन्हें ससम्मान वंचित लोगों को भेंट किया जाता है.
10. टिफिन विद दीदी: टिफिन विद दीदी प्रकल्प के तहत ओम बिरला ने कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के साथ उनके घर से लाया गया भोजन किया. इस दौरान संवाद करते हुए उनकी चुनौतियों को समझा तथा उनके बनाए गए उत्पादों के लिए बाजार तैयार करने के उद्देश्य से उन्हें सीधे कम्पनियों से जोड़ने का प्रयास किया.
11. सिलाई मशीन वितरण: वंचित वर्ग की महिलाओं के सशक्तिकरण तथा उन्हें आय का स्रोत उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से पहले ओम बिरला ने उन्हें सिलाई का प्रशिक्षण दिलावाया. प्रशिक्षण उपरांत महिलाओं को सिलाई मशीन भेंट की गई.