
अब प्याज की फसल के साथ साथ संतरे की फसल का भी पहली बार बीमा हो सकेगा. ऐसे में जिले के किसानों में संतरे की फसल को लेकर रुझान बढ़ेगा. जबकि अभी तक संतरे की फसल में होने वाले परिवर्तन के कारण होने वाले नुकसान से किसानों का संतरे के प्रति मोहभंग हो रहा था. ऐसे में कई किसानों ने बगीचों से संतरे के पौधों को ही साफ कर दिया है. जिले में करीब पिछले वर्ष 23 हजार 900 हेक्टेयर में संतरे की फसल है. जबकि 104.60 किवंटल प्रति हेक्टेयर का उत्पादन हैं.
भारत सरकार कृषि सहकारिता एवं कृषक कल्याण मंत्रालय नई दिल्ली की पालना में राज्य सरकार ने खरीफ 2023 व रबी 2023-24 में दो फसल मौसम के लिए ऋणी व गैर ऋणी कृषकों के लिए मौसम आधारित फसल बीमा के लिए अधिसूचना जारी की. इस योजना के अन्तर्गत खरीफ 2023 में जिले में प्याज व संतरा फसलों का पूरे जिले के लिए अधिसूचित /चिन्हित किया है.
योजना में फसलवार बीमित राशि एवं प्रिमियम दरें निम्नानुसार है
खरीफ प्याज की फसल की बीमित राशि 9965 प्रति हैक्टेयर है, कृषकों को राज्य एवं केन्द्रीय अनुदान के बाद 4998. 25 रुपए प्रति हैक्टेयर प्रीमियम राशि जमा करनी है. इसी तरह संतरा की फसल में बीमित राशि 1 लाख 24 हजार 611 प्रति हैक्टेयर है. अनुदान के लिए राशि 6230.55 प्रति हैक्टेयर प्रीमियम जमा करवाना होगा.
बंटाईदार कृषक भी फसलों का बीमा करा सकेंगे
इस योजना के तहत फसली ऋण लेने वाले कृषक, गैर ऋणी कृषक एवं बंटाईदार कृषकों द्वारा फसलों का बीमा करवाया जा सकेगा. बंटाईदार कृषकों के संबंध में स्पष्ट किया जाता है कि कृषक जिस जिले में स्वयं रहता है. उसी जिले की परिधि क्षेत्र में बंटाई की भूमि ही मान्य होगी. ऋणी कृषको के प्रीमियम बैंको से राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल पर दिए गए इंटरफेस PAY-GOV के माध्यम से जमा करने की अंतिम तिथि 15 अगस्त 2023 है. गैर ऋणी कृषकों को ऑनलाईन बीमा प्रस्ताव की अंतिम तिथि 31 जुलाई है.
बीमा कराने के लिए यह देने होंगे दस्तावेज
झालावाड़ कृषि विस्तार संयुक्त निदेशक कैलाश चंद मीणा ने बताया कि जमाबंदी की नवीनतम नकल स्वयं सत्यापित, स्वयं घोषणा-पत्र जिसमें प्रत्येक खसरा संख्या का कुल क्षेत्र, प्रस्तावित फसल का बुवाई क्षेत्र, मालिक का नाम एवं बीमा हित का प्रकार (स्वयं परिवार एवं बटाई) अंकित कर, बैंक खाता पासबुक की प्रति, बटाईदार कृषक संबंधित खातेदार के द्वारा जमीन बटाई पर दी गई है का शपथ पत्र, बटाईदार कृषक के स्वयं का राजस्थान का मूल निवास प्रमाण-पत्र, बटाई पर लेने वाले व देने वाले कृषक का आधार कार्ड की स्वयं सत्यापित प्रति अपलोड करना आवश्यक हैं.