भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर(IIT Jodhpur) और जोधपुर सिटी नॉलेज एंड इनोवेशन फाउंडेशन(JCKIF) संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय वैज्ञानिक कार्यशाला में विविधता, लैंगिक समानता, सामाजिक समावेशन और सभी के कल्याण के लिए एक बेहतर स्वास्थ्य में अवसर जैसे व्यापक विषयों पर गहनता से विचार-विमर्श किया गया. जिससे एक मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली के लिए स्थायी समाधानों को खोजा जा सके इस कार्यशाला का आयोजन जी-20 चीफ साइंस एडवाइजर्स राउंडटेबल (जी20 - सीएसएआर) के अंतर्गत किया गया.
इस राउंडटेबल सम्मलेन में विविधता, लैंगिक समानता, सामाजिक समावेश और अवसर की थीम पर आधारित चर्चा में सामाजिक समावेश और विविधता पर पैनल चर्चा में पैनलिस्ट्स ने वैज्ञानिक सलाहकारों की भूमिका पर चर्चा की.
उन्होंने बताया कि नीति विचारों को आकार देने में वैज्ञानिक सलाहकारों की भूमिका क्या हो सकती है?
कैसे पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों (TKS) के समावेशी ज्ञान से सीमा पार मुद्दों को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी जा सकती है?
साथ ही भाषा की विविधता की संभावना वैज्ञानिक ज्ञान की पहुंच में बाधाओं को पता लगाने में मदद करती है.
विविधता और समावेशिता को अपनाना, सामूहिक जिम्मेदारी
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर के निदेशक प्रोफेसर शांतनु चौधरी ने कहा कि विज्ञान में विविधता और समावेशिता को अपनाना सिर्फ एक विकल्प नहीं है, बल्कि एक सामूहिक जिम्मेदारी है महिला संकाय सदस्यों की सबसे बड़ी संख्या, शिक्षा जगत में विविधता को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है. निरंतर प्रयासों के माध्यम से, हम न केवल समावेशिता को संबोधित कर रहे हैं, बल्कि सशक्तिकरण के लिए प्रौद्योगिकी को एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में एकीकृत भी कर रहे हैं. समावेशिता और प्रौद्योगिकी का यह संलयन एक उज्जवल, अधिक न्यायसंगत भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है. वहीं क्वेस्ट एलायंस बेंगलुरु की अजा शर्मा ने अपने संबोधन के दौरान कहा, सच्चा समावेश पहुंच से परे है. यह पहुंच के दायरे में जाता है, सार्थक रास्ते तैयार करता है जो एसटीईएम के भीतर हाशिए की आवाजों को सशक्त बनाता है.
विज्ञान का असीमित विकास करना
अरावली और अर्पण सेवा संस्थान से जुड़े वरुण शर्मा ने कहा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी की वास्तविक क्षमता को उजागर करने के लिए दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है. दृष्टिकोण को समृद्ध करने के लिए समाज के सभी वर्गों में विविध प्रकार के लोगों को शामिल करना, गलत सूचना के प्रसार को दूर करना होगा. इस कार्यशाला में 33 प्रमुख वैज्ञानिक और शोधकर्ताओं ने भाग लिया जो कि विभिन्न क्षेत्रों के 20 शोध संस्थानों का प्रतिनिधित्व कर रहे है. इस विचार विमर्श का उद्देश्य भविष्य में विज्ञान के विकास के लिए स्वास्थ्य और वैज्ञानिक ज्ञान की पहुंच भौगोलिक सीमाओं या आर्थिक प्रतिबंधों तक सीमित न हो, जिससे विज्ञान के विकास को बढ़ावा मिल सके.