IIT Jodhpur AI Hub in India: जोधपुर तकनीकी युग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग विश्व स्तर पर एक नई क्रांति के रूप में उभर रहा है. IIT जोधपुर अब भारत में AI के विकास और शोध के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनने जा रहा है. मेटा के सहयोग से IIT जोधपुर में सेंटर फॉर जेनरेटिव AI श्रीजन (सृजन) की स्थापना की घोषणा की गई है, जिसमें 750 लाख रुपये का फंड दिया जाएगा. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य युवा छात्रों और डेवलपर्स को AI के क्षेत्र में प्रशिक्षित करना है, जिससे वह रोजमर्रा की समस्याओं का समाधान निकाल सकें.
IIT जोधपुर के प्रोफेसर डॉ. नीरज जैन के अनुसार, मेटा के सहयोग से स्थापित इस सेंटर का उद्देश्य छात्रों और युवा डेवलपर्स (18 से 30 वर्ष) को AI के क्षेत्र में स्किलिंग और क्षमता निर्माण में सहायता करना है. इस पहल में इंडिया AI, AICTE और अन्य तकनीकी संस्थान भी शामिल होंगे. सेंटर फॉर जेनरेटिव AI श्रीजन में ओपन-सोर्स AI को बढ़ावा देकर, इसे शिक्षा, सुरक्षा और चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में लागू करने पर फोकस किया जाएगा.
चिकित्सा क्षेत्र में AI का महत्व
प्रोफेसर जैन ने बताया कि AI का उपयोग चिकित्सा क्षेत्र में भी किया जा सकता है. भारत में चिकित्सकों की कमी को देखते हुए, AI से मरीजों की जांच और निदान करने में सहायता मिल सकती है. उदाहरण के तौर पर, यदि किसी व्यक्ति को खांसी है और उसकी वास्तविक वजह का पता नहीं है, तो AI एल्गोरिदम खांसी की आवाज से बीमारी का पता लगा सकते हैं. इससे मेडिकल क्षेत्र में न केवल दक्षता बढ़ेगी बल्कि सेवाओं का विस्तार भी होगा.
AI का उपयोग बढ़ाने के लिए देशव्यापी सहयोग
IIT जोधपुर में स्थापित हो रहे इस सेंटर फॉर जेनरेटिव AI श्रीजन का उद्देश्य छात्रों को AI की तकनीकी जानकारी देने के साथ ही शोध के लिए प्रोत्साहित करना है. मेटा के इस कोलैबोरेशन से न केवल उच्च स्तरीय शोध को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि AI का उपयोग वास्तविक दुनिया की समस्याओं के समाधान में भी कारगर साबित होगा.
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