विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Jul 14, 2023

जोधपुर : बदलते मौसम ने जीरा को बनाया 'हीरा', क्या बढ़ते दाम का किसानों को भी होगा फायदा?

जीरे के बढ़ते दाम ने इस बार महंगाई का ऐसा तड़का लगाया है कि हर कोई इसके बढ़ते दाम से हैरान है. पिछले 4 माह में जीरे के भाव में दो गुना बढ़ोतरी देखी गई है.

Read Time: 4 min
जोधपुर : बदलते मौसम ने जीरा को बनाया 'हीरा', क्या बढ़ते दाम का किसानों को भी होगा फायदा?

राजस्थान और गुजरात के जीरे की डिमांड न सिर्फ़ देश मे है बल्कि विदेशों में भी प्रतिवर्ष हजारों टन जीरा एक्सपोर्ट होता है. जिसका कारण है इन दोनों प्रदेशो का जीरा सबसे बेहतर माना जाता है. जिसके चलते चीन और बांग्लादेश इसके बड़े खरीदार है. लेकिन इस वर्ष राजस्थान में जलवायु परिवर्तन का असर जीरा किसानों पर खासा देखा गया है. जहां विशेष रुप से पश्चिमी राजस्थान में जीरे का उत्पादन कम होने से जीरा सोने के दाम के समान हो गए हैं. बाजारों में जीरे के बढ़ते भाव 'ऊंट के मुंह में जीरा' की कहावत सिद्ध कर रहे है. पिछले वर्ष जहां जीरा किसान मंडियों में अपने जीरे 1 क्विंटल का 22 से 24 हजार पर क्विंटल में बेचा करते थे वो वही इस वर्ष 1 क्विंटल जीरे का भाव 55 हजार से 65 हजार के बीच रहा साथ ही जीरे का उत्पादन कम होने और डिमांड ज्यादा होने से जीरे के भावो में तेजी देखी जा रही है. प्रदेश में जलवायु परिवर्तन का असर न सिर्फ जीरे की फसलों पर बल्कि कहीं अन्य फसलों पर भी इसका असर दिखा गया है.

गतवर्ष 12 क्विंटल तो इस वर्ष 5 क्विंटल जीरा की हुई पैदावार

जोधपुर की जीरा मंडी में जीरा बेचने आए मोगड़ा गांव निवासी जीरा किसान भँवर लाल पटेल कहते है कि पिछले साल जहां 12 क्विंटल जिला की पैदावार हुई थी तो वहीं इस वर्ष 5 क्विंटल जीरे की ही पैदावार हुई है. जिसका कारण है कि मौसम अनुकूल नहीं था और बुवाई के समय गर्मी भी अधिक थी. जहां अगर पिछले वर्ष जीरे के भाव की बात करें तो दो सौ से ढाई सौ का भाव था तो इस वर्ष 50 से 60 हजार पर क्विंटल जीरा बिका है. इस वर्ष पैदावार कम होने से आर्थिक नुकसान भी काफी हुआ है.

एक्पोर्ट ओर घरेलू डिमांड बढ़ने से जीरे के दाम में और आयेगी तेजी

जोधपुर की जीरा व्यापार मंडल के अध्यक्ष पुरुषोत्तम मूंदड़ा का कहना है कि जीरे की फसल जहां पिछले साल 58 लाख बोरी था और केरी स्टॉक 25 लाख बोरी था तो वहीं इस वर्ष जीरे का उत्पादन कम होने से जीरे की फसल 50 लाख बोरी व केरी स्टॉक 5 लाख बोरी ही हो पाया डिमांड व सप्लाई में अंतर के कारण भी बाजारों में जीरे का भाव बढ़ा है उत्पादन कम होने से किसानों को अच्छे दाम मीले है जीरे की इस वर्ष एक्सपोर्ट डिमांड की बढ़ी है.जहां एक्सपोर्ट और घरेलू डिमांड को पूरा करने के लिए 80 लाख बोरी की उपलब्धता चाहिए 22 लाख बोरी की कमी इस वर्ष देखी जा सकती है. और आगे आने वाले कुछ समय में इसके भाव में भी तेजी देखी जा सकेगी.

चार माह में ही दो गुना हो गए जीरे के दाम

जीरे के बढ़ते दाम ने इस बार महंगाई का ऐसा तड़का लगाया है कि हर कोई इसके बढ़ते दाम से हैरान है. पिछले 4 माह में जीरे के भाव में दो गुना बढ़ोतरी देखी गई है. अगर पिछले चार माह की बात करे तो मार्च माह में जीरा 280 रुपये किलो, अप्रैल माह में 350 रुपये किलो, मई माह में 500 रुपये किलो व जून माह में 700 रुपये किलो के भाव रहे है. जहां आगे दीपावली तक इसके दाम नो सौ से एक हजार रुपये किलो तक भी जा सकते हैं.
 

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Close