विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Jul 08, 2023

ऐतिहासिक गाथाओं का शहर भीलवाड़ा बन गया टेक्सटाइल सिटी

अपने वस्त्र उद्योग के लिए प्रसिद्ध भीलवाड़ा को ‘राजस्थान का मैनचेस्टर’, ‘वस्त्र नगरी’ या ‘टेक्सटाइल सिटी’ भी कहा जाता है. 26 फरवरी, 2009 को केंद्र सरकार ने इसे "कपड़ा निर्यातक शहर" का दर्जा दिया था.

Read Time: 3 min
ऐतिहासिक गाथाओं का शहर भीलवाड़ा बन गया टेक्सटाइल सिटी

भीलवाड़ा राजस्थान का ऐतिहासिक गाथाओं से भरा प्रसिद्ध नगर है. मेवाड़ क्षेत्र का यह नगर राजस्थान के सबसे बड़े जिलों में से एक है. अपनी ऐतिहासिक विरासतों के लिए भीलवाड़ा शहर सिर्फ देश के ही नहीं विदेशों के पर्यटकों के बीच भी काफी प्रसिद्ध है. 

टेक्सटाइल और अभ्रक से मिली नई पहचान 

अपने वस्त्र उद्योग के लिए प्रसिद्ध भीलवाड़ा को ‘राजस्थान का मैनचेस्टर', ‘वस्त्र नगरी' या ‘टेक्सटाइल सिटी' भी कहा जाता है. 26 फरवरी, 2009 को केंद्र सरकार ने इसे "कपड़ा निर्यातक शहर" का दर्जा दिया था. इसके अलावा यहां की खदानों में प्रचुर मात्रा में अभ्रक निकलने के कारण इसे अभ्रक नगरी के रूप में भी जाना जाता है. भीलवाड़ा के मांडलगढ़ कस्बे में बनास, बेड़च व मेनाल नदी का त्रिवेणी संगम है. भीलवाड़ा में हिंदी के अलावा खैराड़ी बोली भी बोली जाती है, जो मारवाड़ी, ढूंढाड़ी और हाड़ौती की मिश्रित बोली है. इस शहर की एक बड़ी खासियत यहां के तालाब हैं. राज्‍य में तालाबों से सर्वाधिक सिंचाई भीलवाड़ा में ही होती है.

भील राजा से जुड़ा है इतिहास 

भीलवाड़ा 1948 में राजस्थान का हिस्सा बनने से पहले भूतपूर्व उदयपुर रियासत का हिस्सा था. भीलवाड़ा का नामकरण भील राजा भलराज के नाम पर हुआ, जो एक बहादुर और शक्तिशाली योद्धा थे. भीलवाड़ा 1949 में संयुक्त राजस्थान में मेवाड़ व शाहपुरा को मिलाकर स्वतंत्र जिला बना. भारत में सर्वप्रथम अहिंसात्मक असहयोग किसान आंदोलन 1897 से 1941 तक बिजोलिया (भीलवाड़ा) में चलाया गया था। इसे बिजोलिया किसान आंदोलन कहा जाता है.

मंदिर और दर्शनीय स्थलों की भरमार

भीलवाड़ा में बड़ी संख्‍या में ऐतिहासिक व दर्शनीय स्‍थल मौजूद हैं, जिन्‍हें देखने दूर-दूर से लोग आते हैं. सींद भीलवाड़ा में खारी नदी के तट पर लगभग 11 सौ वर्षों पुराना देवनारायण मंदिर (सवाई भोज मंदिर) स्थित है. इसकी खासियत यह है कि यहां कोई भी मूर्ति नहीं है. केवल ईंट की पूजा नीम की पत्तियां चढ़ा कर की जाती है.  इसके अलावा बाईसा महारानी का मंदिर, हरणी महादेव का मंदिर, धनोप माता का मंदिर, तिलस्वा महादेव मंदिर, मेनाल का नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर भी दर्शनीय हैं. साथ ही शाहपुरा का रामद्वारा रामस्नेही संप्रदाय का प्रधान मठ है. भीलवाड़ा के मांडलगढ़ में मेवाड़ महाराणा सांगा का समाधि स्थल है. मांडल में  जगन्नाथ कछुआ की 32 खंभों की छतरी पर्यटन की दृष्टि से बहुत ही प्रसिद्ध है. बागोर में महासतियों का टीला" नाम का स्थल पाषाण कालीन अवशेषों के कारण विश्व विख्यात है. 

भीलवाड़ा एक नजर में 

  • भौगोलिक स्थिति - 25 से 27 डिग्री 50 मिनट उत्तरी अक्षांश व 74 डिग्री 3 मिनट से 75 डिग्री 25 मिनट पूर्वी देशांतर तक। 
  • जनसंख्या : 2408523
  • जनसंख्या घनत्व : 230 
  • लिंगानुपात : 973 
  • साक्षरता दर : 62.71% 
  • तहसील - 16 
  • पंचायत समिति - 12 
  • संभाग - अजमेर
  • विधानसभा क्षेत्र - 7 (भीलवाड़ा, आसींद, मांडलगढ़, शाहपुरा, जहाजपुर, सहाड़ा, मांडल)
  • Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

    फॉलो करे:
    डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
    Our Offerings: NDTV
    • मध्य प्रदेश
    • राजस्थान
    • इंडिया
    • मराठी
    • 24X7
    Choose Your Destination
    Close