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देश की शान हैं राजस्थान के ये 5 किले और महल

अगर आप शाही जिंदगी का लुत्‍फ उठाना चाहते हैं, तो राजस्‍थान से बेहतर जगह नहीं हो सकती. यहां एक-दो नहीं कई किले हैं, जो राजस्‍थान की शानदार विरासत की गवाही देते हैं. इनमें से कई किलों को अब होटलों में बदल दिया गया है. ऐसे में आप इनमें कुछ दिन बिताकर रॉयल लाइफ जी सकते हैं. आइये आपको बताते हैं राजस्‍थान के पांच किलों के बारे में जो हिंदुस्‍तान की भी शान हैं.

  • जैसलमेर किला: ये राजस्थान का दूसरा सबसे पुराना किला है, जो सोनार किला के नाम से प्रसिद्ध है. जैसलमेर के किले का नाम दुनिया के सबसे बड़े किलों में भी शुमार है. इस किले का निर्माण बलुआ पत्थरों से कराया गया था.फोटो: राजस्‍थान टूरिज्‍म
  • सिटी पैलेस अलवर: इस पैलेस का निर्माण 1793 में राजा बख्तावर सिंह ने कराया था. यह पैलेस मुगल, यूरोपीय और राजपुताना वास्तुकला का एक बेजोड़ मिश्रण है. सिटी पैलैस के ऊपर अरावली की पहाड़ियां हैं, जिससे इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है. फोटो: राजस्‍थान टूरिज्‍म
  • मेहरानगढ़ का किला: इस किले की वास्तुकला में आप 20वीं शताब्दी की वास्तुकला की खासियतों के साथ-साथ 5वीं शताब्दी की बुनियादी वास्तुकला शैली को भी देख सकते हैं. यही बात इस किले को अन्‍य से जुदा करती है. कई हॉलीवुड और बॉलीवुड फिल्मों को किले में शूट किया गया है.फोटो: राजस्‍थान टूरिज्‍म
  • उम्मेद भवन पैलेस, जोधपुर: उम्मेद भवन पैलेस राजस्थान के जोधपुर में स्थित एक बेहद भव्‍य और खूबसूरत महल है. जोधपुर में स्थित उम्मेद भवन पैलेस का निर्माण तत्‍कालीन महाराजा उम्‍मैद सिंह ने साल 1929 से शुरू करवाया था. इस महल को बनने में लगभग 14 साल का समय लगा था. इससे आप इस महल की भव्‍यता का अंदाजा लगा सकते हैं. फोटो: राजस्‍थान टूरिज्‍म
  • बीकानेर का किला: बीकानेर में जूनागढ़ का किला कई मायनों में खास है. इसे साल 1478 में तत्कालीन महाराजा राव बीका ने बनवाना शुरू किया था. इन्‍ही के नाम पर इस शहर का नाम बीकानेर पड़ा है. इसकी खूबसूरती सभी का दिल मोह लेती है.फोटो: राजस्‍थान टूरिज्‍म