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Lohri 2025: राजस्थान में लोहड़ी की धूम, गिद्दा-भांगड़ा ने सजाई सांस्कृतिक महफिल, See Pictures

लोहड़ी का त्योहार उत्तर भारत, खासकर पंजाब हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान में बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया गया. यह पर्व फसल कटाई की खुशी का प्रतीक है. लोग पारंपरिक परिधानों में सजधज कर आग के चारों ओर तिल, गुड़, मूंगफली और रेवड़ी अर्पित करते हुए गिद्दा और भांगड़ा कर अपनी खुशियां व्यक्त करते हैं. राजस्थान से इसकी खूबसूरत तस्वीर भी सामने आई है.

  • पंजाब और उत्तर भारत के साथ ही राजस्थान में भी लोहड़ी का त्योहार बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया गया. लोग अपने परिवार और बच्चों के साथ खुशियां मनाते देखे गए.
  • सिख महिलाओं ने बताया कि लोहड़ी मुख्य रूप से फसल कटाई और नव दंपति या नवजात के आगमन की खुशी में मनाई जाती है. इस पर्व पर आग जलाकर परिक्रमा की जाती है और तिल, गुड़, मूंगफली, रेवड़ी अर्पित की जाती है
  • अजमेर के अलवर गेट स्थित दसमेश गुरुद्वारा साहब पर सिख समुदाय के लोग पारंपरिक वेशभूषा में गिद्दा और भांगड़ा करते हुए जश्न मनाते नजर आए.
  • लोहड़ी का पर्व फसल कटाई और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है. इसे विशेष रूप से किसानों के बीच हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. बीकानेर में इस परंपरा को श्रद्धा के साथ निभाया गया
  • लोहड़ी का पर्व हर साल 13 जनवरी को फसल की कटाई और बुआई की खुशी में मनाया जाता है. यह पर्व भारतीय संस्कृति और ग्रामीण जीवन के उल्लास का प्रतीक है.
  • बीकानेर में लोग पारंपरिक परिधानों में सजधज कर लोहड़ी की पूजा करने पहुंचे. ढोल-नगाड़ों की धुन पर नाचते-गाते हुए फसल कटाई के इस पर्व को खुशी और उमंग के साथ मनाया गया.
  • सिख समाज के लोगों ने लोहड़ी के दौरान गुड़, तिल, रेवड़ी, और गजक अर्पित कर एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं. इस दौरान पारंपरिक गाने और नृत्य ने माहौल को जीवंत कर दिया.
  • कोचिंग सिटी कोटा में भी लोहड़ी का पर्व बड़े उत्साह से मनाया गया. यहां लोगों ने आग के चारों ओर गिद्दा और भांगड़ा किया और पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन किया.