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84 खम्बों वाली रहस्मयी प्राचीन ईमारत, आज तक नहीं खुल पाया है ये राज | देखें तस्वीरें

राजस्थान के रहस्मयी प्राचीन मन्दिर, ईमारत किलों और कुंडों से पूरे भारत में एक अनोखी मिशाल के नाम से जाना जाता है. जहां हर मंदिर किले और कुंड किसी ना किसी रहस्य की वजह से जाना जाता है. हम आपको एक ऐसे रहस्मयी 84 खम्बों के बारे में बताएंगे जिसको पढ़कर आप एक बार इस मन्दिर में आने की इच्छा जरूर जाहिर करेगें. (अकरम दीन खान)

  • राजस्थान के डीग जिले के कामा विधानसभा कामवन में मानसून के दौर के चलते बारिश के मौसम में चील महल में मेला लगता है. इस मेले को परिक्रमा मेला भी कहते है.
  • यहां एक प्राचीन रहस्यमयी इमारत महल है जहां किसी भी देवी देवता की मूर्ति नहीं है. स्थानीय लोगों के अनुसार यहां पर जो कुंड बना है उस कुंड के बारे में महाभारत में बताया गया है कि इस कुंड के पास यक्ष ने युधिष्ठिर से परीक्षा ली थी.
  • इस प्राचीन इमारत में मौजूद हर खंबों के ऊपर अलग-अलग तरह की चित्रकलाएं बनी हुईं हैं. इस इमारत में कुल 84 खम्बे है और सबसे खास बात यह है कि उनको आज तक कोई भी व्यक्ती गिन नहीं सका है.
  • कामवन क्षेत्र वासियों का कहना है कि जितनी बार इन खम्बों को गिना जाएगा उतनी बार इनकी संख्या अलग-अलग आएगी. इन 84 खम्बो के रहस्य के बारे में आज तक कोई भी पता नहीं लगा सका है.
  • कामा, कामवन का कुछ हिस्सा बृज भूमि से लगता है. जहां भगवान कृष्ण ने अपना बचपन बिताया था. गुरु पुर्णिमा पर भादों के महीने में गिर्राज महाराज के श्रद्धालु परिक्रमा लगाते हुए गोवर्धन युपी पहुंचते है.
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