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This Article is From Jul 27, 2024

Rajasthan: कलयुग के भागीरथ थे महाराजा गंगा सिंह, प्रजा को भुखमरी से बचाने के लिए रेगिस्तान में निकाल दी थी सतलुज नदी

Bikaner News: बीकानेर रियासत के महाराजा गंगा सिंह ने 100 साल पहले रेगिस्तान भरे इलाके को अपने अथक प्रयासों से राज्यों को अन्न का भंडार है बना के रख दिया है.

Rajasthan: कलयुग के भागीरथ थे महाराजा गंगा सिंह, प्रजा को भुखमरी से बचाने के लिए रेगिस्तान में निकाल दी थी सतलुज नदी
महाराजा गंगा सिंह

Maharaja Ganga Singh Story: करीब 100 साल पहले रियासत काल में बीकानेर रियासत रेगिस्तान की तरह थी. लेकिन अब इसकी हालत बदल गई है. यह सब बीकानेर रियासत के महाराजा गंगा सिंह की वजह से ही संभव हो पाया है.महाराजा गंगा सिंह के प्रयासों से ही बीकानेर रियासत में गंगा नहर का निर्माण हुआ और पानी बहने लगा, जिसकी वजह से रेगिस्तान कहलाने वाला यह राज्य आज अन्न का भंडार है.

गंगा नहर का निर्माण

गंगा नहर का निर्माण

सवा सौ साल पहले पड़ा था छप्पनिया अकाल 

करीब 125 साल पहले राजस्थान में भयंकर अकाल पड़ा था जिसे छप्पनिया अकाल के नाम से जाना जाता है. इसमें करीब दो लाख लोग मारे गए थे. यह अकाल इतना भयानक था कि लोगों को पेड़ों की छाल खाकर जीवित रहना पड़ा था. इस अकाल की भयावहता को देखते हुए आज भी राजस्थान में 56 का आंकड़ा अशुभ माना जाता है. ऐसे में महाराजा गंगा सिंह ने अपनी प्रजा को भुखमरी से बचाने के लिए सतलुज का पानी नहर के जरिए राज्य में लाने का विचार किया था. जो उस समय एक बहुत बड़ा काम था. उस समय की कठिन परिस्थितियों में भी महाराजा गंगा सिंह ने हार नहीं मानी और नहर निर्माण के लिए अंग्रेजों से लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की. इसके बाद 1925 में पंजाब के हुसैनीवाला सीमा से राजस्थान के शिवपुर तक नहर का निर्माण कर पानी राजस्थान लाया गया.फिर 1927 में इस नहर में पानी का प्रवाह शुरू किया गया.इस नहर का नाम गंग नहर रखा गया. इससे क्षेत्र के लोगों को नया जीवन मिला. 

नहर में पानी का प्रवाह

नहर में पानी का प्रवाह

नहर के निर्माण कार्य का दिखता है बेजोड़ नमूना 

पंजाब के हुसैनीवाला बॉर्डर जहां से नहर का निर्माण शुरू हुआ. 100 साल बाद भी वहां निर्माण कला का बेजोड़ नमूना देखा जा सकता है. जानकारों ने बताया कि उस समय महाराजा गंगा सिंह जी ने इसका निर्माण चूने से करवाया था तथा नहर पर बने पुल की छत को डलिया से ढका गया है. लेकिन आज भी निर्माण कार्य वैसा ही दिखता है. 

निर्माण कला का बेजोड़ नमूना है गंगनहर

निर्माण कला का बेजोड़ नमूना है गंगनहर

महाराजा गंगा सिंह जी को कहा जाता है कलियुग का भागीरथ 

महाराजा गंगा सिंह जी की दूरदर्शिता के कारण ही राजस्थान की बीकानेर रियासत में सतलुज का पानी लाना संभव हो पाया. महाराजा ने उस समय पंजाब के किसानों को राजस्थान में आकर खेती करने का न्योता दिया और जमीने अलॉट की.धीरे- धीरे यहां का इलाका बंजर से उपजाऊ होकर हरा भरा हो गया. इसलिए महाराजा गंगा सिंह जी को कलियुग का भागीरथ भी कहा जाता है.

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